जबलपुर

Kaushalya Grand Collapse Case: मेडिकल अस्पताल में भर्ती 7 लोग गंभीर

चार घंटे बाद मलबे से जिंदा निकले युवक की रीढ़ की हड्डी में चोट

जबलपुरApr 19, 2018 / 06:23 pm

deepankar roy

Four hours later, the spinal cord injury of the young man who came alive from the rubble

जबलपुर। केमतानी ग्रुप के तिलवारा रोड पर निर्माणाधीन फाइव स्टार होटल कौशल्या ग्रेंड की इमारत ढहने में घायल 7 मजदूरों की हालत अभी भी गंभीर बनीं हुइ है। घायलों का नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उपचार जारी है। होटल के मलबे में तीन घंटे दबे रहने वाले मजदूर भोला की रीढ़ की हड्डी मेंं चोट है। उसके पांव काम नहीं कर रहे हैं। गर्दन में कॉलर लगाई गई है। वहीं, घायलों को गंभीर चोटें होने और बिल्डर द्वारा उन्हें कोइ आर्थिक सहायता उपलब्ध नहीं कराए जाने से लोगों में नाराजगी है।
अब बढ़ गइ चिंता
भोला के सिर पर जख्म नहीं दिखने पर लोगों को उम्मीद थी कि वह सलामत है, लेकिन एमआरआई जांच में रीढ़ की हड्डी में चोट ने परिजनों की चिंता बढ़ा दी है। मेडिकल अस्पताल में भर्ती भोला को ऑर्थो सर्जन ने बुधवार को न्यूरो सर्जरी वार्ड में शिफ्ट कर दिया है। एचओडी डॉ. एचके तकी रज़्ाा ने बताया कि एमआरआई टेस्ट में रीढ़ में चोट की रिपोर्ट आई है।
नि:शुल्क जांच और उपचार
मेडिकल अस्पताल में भर्ती नरेश नेताम, कालू प्रसाद, गणेश पटेल की सर्जरी ऑर्थो के डॉक्टर करेंगे। एचओडी डॉ. एचके तकी रज़्ाा ने बताया कि भर्ती मरीजों की सूजन कम होने पर सर्जरी की जाएगी। रूपेश जाट को सर्जरी के डॉक्टर देख रहे हैं, जबकि, क्रांति और कमल सिंह मरावी न्यूरो सर्जरी वार्ड में हैं। इनके सिर में जख्म हैं। अस्पताल के अधीक्षक डॉ. राजेश तिवारी ने बताया कि अस्पताल में सिर्फ सात गंभीर मरीज भर्ती हैं। इन मरीजों का इलाज, सभी प्रकार की जांच, दवाइयां व सर्जरी नि:शुल्क की जा रही है।
घटना के लिए होटल मालिक जिम्मेदार
इधर, मप्र असंगठित कामगार कांग्रेस कमेटी ने तिलवारा थाने के सामने केमतानी ग्रुप के निर्माणाधीन छह मंजिल होटल हादसे में घायल व मृत मजदूरों को ग्रुप द्वारा आर्थिक सहायत न दिए जाने पर कार्रवाई की मांग की। प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष विसेन ने आरोप लगाए कि होटल हादसे में गलत सेंटिंग के लिए पूरी तरह से मालिक जिम्मेदार है। एेसे में सिर्फ पेटी कांट्रेक्टर पर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। बताया कि भवन निर्माण अभिलेखा कानून में प्राइवेट कम्पनियों द्वारा १० लाख रुपए का मुआवजा मृतकों के परिवार को देने का प्रावधान है। वहीं घायलों का इलाज कराने की पूरी जवाबदारी है। केमतानी ग्रुप ने फूटी कौड़ी नहीं दी।
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