यह है मामला
मंडला निवासी शैलेंद्र दुबे व शेख अफजल ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि मंडला आदिवासी बहुल है। लेकिन, यहां खेल के लिए एकमात्र नगर निगम का महात्मा गांधी स्टेडियम stadium है। इसमें भी साल भर धार्मिक, सामाजिक, राजनीतिक व विवाह समारोह marriage ceremony आयोजित किए जाते हैं। इससे खिलाडिय़ों को खेल गतिविधियों व अभ्यास से वंचित होना पड़ता है। इन अवांछित गतिविधियों पर रोकथाम के लिए कलेक्टर व नगर निगम आयुक्त को कई बार अभ्यावेदन दिया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अधिवक्ता यश सोनी, अभिजीत सोनी ने तर्क दिया कि सुप्रीम कोर्ट के 2011 में जारी दिशानिर्देश के अनुसार खेल मैदान में खेल के अलावा किसी भी प्रकार की गतिविधियां नहीं की जा सकती। राज्य सरकार के खेल एवं युवक कल्याण मंत्रालय की गाइड लाइन के अनुसार भी खेल मैदान में अन्य गतिविधियों के लिए अनुमति नहीं दी जा सकती। इसके बावजूद मंडला नगर निगम इस स्टेडियम stadium में धार्मिक, राजनीतिक, सामाजिक व विवाह समारोहों के लिए अनुमति दे रही है। इसके चलते आदिवासी बहुल क्षेत्र के बच्चे खेलों का अभ्यास तक नहीं कर पा रहे हैं।