scriptHow did the fake caste and domicile certificates become? | उप्र निवासियों के कैसे बन गए फर्जी जाति और मूल निवासी प्रमाण-पत्र? | Patrika News

उप्र निवासियों के कैसे बन गए फर्जी जाति और मूल निवासी प्रमाण-पत्र?

locationजबलपुरPublished: Nov 08, 2021 08:37:12 pm

Submitted by:

prashant gadgil

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर मांगा जवाब

Jabalpur High Court
Jabalpur High Court

जबलपुर. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि पन्ना जिले की अजयगढ़ तहसील से उप्र के निवासियों ने फर्जी जाति और मूल निवासी प्रमाण-पत्र कैसे बनवा लिए? चीफ जस्टिस रवि मलिमठ व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार को नोटिस जारी जवाब मांगा। चार सप्ताह का समय दिया गया। पन्ना जिले के अजयगढ़ निवासी देशराज प्रजापति की ओर से जनहित याचिका दायर की गई। इसमें कहा गया कि उत्तरप्रदेश के बांदा जिले के रहने वाले लगभग 70 लोगों ने पन्ना के अजयगढ़ से अनुसूचित जाति का जाति और मूल निवासी प्रमाण पत्र बनवाया। इसके बाद उन्होंने सरकारी नौकरियां हासिल की। इस मामले की शिकायत मुख्य सचिव से की गई। मुख्य सचिव के निर्देश पर कलेक्टर पन्ना ने मामले की जांच कराई। वर्ष 2006 में प्रस्तुत की गई जांच रिपोर्ट में पाया गया कि सभी के जाति और मूल निवासी प्रमाण-पत्र फर्जी तरीके से बनाए गए हैं। जांच समिति ने सभी के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की। कलेक्टर की जांच रिपोर्ट पर मुख्य सचिव ने छानबीन समिति बनाई। जांच के बाद पाया गया कि सभी के जाति और मूल निवासी प्रमाण-पत्र सही हैं। आग्रह किया गया कि मामले की न्यायिक जांच कराई जाए। प्रारम्भिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।

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