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जबलपुर में आखिर क्यूं होते हैं इतने हादसे

locationजबलपुरPublished: Jan 04, 2019 01:25:23 am

Submitted by:

santosh singh

रोड एक्सीडेंट इन इंडिया-2017 की रिपोर्ट में दावा : देशभर के 50 शहरों में जबलपुर 6वें स्थान पर

road accident

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जबलपुर. देशभर में दस लाख से अधिक आबादी वाले 50 शहरों में वर्ष 2017 में हुए सडक़ हादसों में होने वाली मौतों के क्रम में जबलपुर 6वें स्थान पर है। जबकि प्रदेश में इंदौर और भोपाल से भी अधिक मौतें जबलपुर जिले में हुई हैं। देश में सडक़ हादसों में दिल्ली में सबसे अधिक 1584 लोगों की जान गई। हालांकि जिले के लिए राहत की बात यह है कि 2017 की तुलना में 2018 में सडक़ हादसों में जान गवांने वालों की संख्या में 326 रही।

देशभर में सडक़ हादसों में होने वाली मौतों और घायलों को लेकर सडक़ एवं परिवहन मंत्रालय की ओर से हर साल रिपोर्ट जारी की जाती है। वर्ष 2017 की रिपोर्ट में देशभर के 50 शहरों को खतरनाक माना गया है। इसमें टॉप 20 में जबलपुर 19वें स्थान पर है। कुल सडक़ दुर्घटना की तुलना करें तो देश में जबलपुर पांचवें और गंभीर हादसों की संख्या में चौथे नम्बर पर हैं। प्रदेश की बात करें तो 50 शहरों में भोपाल आठवें और इंदौर 18वें नम्बर पर है।

ये है रिपोर्ट

जबलपुर में वर्ष 2017 में कुल 3303 हादसे हुए। इनमें से 372 काफी खतरनाक हादसे हुए। इन हादसों में ही 409 लोगों को जान गंवानी पड़ी। वहीं 3113 घायलों में 2611 गंभीर रूप से घायल हुए। जिले में औसतन 100 हादसों में 12.4 प्रतिशत लोगों की मौत हुई। भोपाल में 3393 हादसों में 242 गंभीर हादसे हुए। इनमें 252 लोगों की जान गई। 2720 घायलों में 2465 लोग गंभीर रूप से घायल हुए। जबकि इंदौर में सबसे अधिक 4513 हादसे हुए थे। इसमें 368 गंभीर हादसों में 391 लोगों की मौत हुई थी। 3341 घायल हुए थे।

फैक्ट
शहर : कुल मौत : हादसे : घायल

जबलपुर : 409 : 3303 : 3113
इंदौर : 391 : 4513 : 3676

भोपाल : 252 : 3393 : 2720
(वर्ष 2017 में हुए हादसे के अनुसार)

हादसे की ये बड़ी वजह

-शराब पीकर वाहन चलाने-माल वाहन में यात्रियों को बिठाना-रफ्तार में वाहन चलाना

-वाहन चलाते हुए मोबाइल से बात करना

-रेड सिग्नल का उल्लंघन

-ब्लैक स्पॉट पर रोड इंजीनियरिंग की खामी दूर न करनानौ ब्लैक स्पॉट अब भी खतरनाक

-जिले में पिछले तीन सालों में 35 ब्लैक स्पॉट चिन्हित हुए थे। वर्तमान में नौ बचे हैं।

-इन ब्लैक स्पॉट पर 75 से अधिक मौत हो चुकी है।

– चरगवां रोड पर अंधे मोड़ वाली खतरनाक दो पुलिया पर 26 लोगों की मौत हो चुकी है

– तिलवारा पुल से चूल्हागोलाई के बीच निर्माणाधीन सडक़ की वजह से जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। तीन साल में 15 मौतें यहां हो चुकी हैं।

– शहर में गोराबाजार सडक़ का घुमावदार ऐसा है कि यहां आए दिन हादसे होते हैं। तीन साल में 12 मौत हो चुकी है।

– माढ़ोताल तिराहे की इंजीनियरिंग ऐसी है कि यहां भी औसतन रोज एक हादसा होता है।

-ग्वारीघाट से बंदरिया तिराहा होते हुए छोटी लाइन रोड पर चार मौतें हो चुकी हैं।

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