राज्य सरकार व भोपाल कलेक्टर को नोटिस
जबलपुर
Updated: May 04, 2022 06:59:25 pm
जबलपुर. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि आयुक्त ने बिना अधिकार गांवों के परिसीमन की अधिसूचना कैसे जारी कर दी। चीफ जस्टिस रवि मलिमठ एवं जस्टिस पुरुषेन्द्र कौरव की खंडपीठ ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव, आयुक्त व भोपाल कलेक्टर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। अगली सुनवाई 13 जून को होगी। भोपाल जिले की बैरसिया तहसील के हर्राखेड़ा निवासी मनमोहन नागर ने याचिका दायर कर कोर्ट को बताया कि भोपाल आयुक्त ने 22 फरवरी 2022 को जिला पंचायत के परिसीमन की प्रारंभिक अधिसूचना जारी की। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता एलसी पटने व अभय पांडे ने दलील दी कि मप्र पंचायत राज अधिनियम के तहत राज्य सरकार ने परिसीमन की कार्रवाई करने का अधिकार कलेक्टर यानी जिला निर्वाचन अधिकारी को दिए गए हैं। तर्क दिया कि याचिकाकर्ता ने उक्त अधिसूचना को लेकर 2 मार्च 2022 को आपत्ति दर्ज कराई। आपत्ति का निराकरण किए बिना आयुक्त ने 10 मार्च को बिना अधिकार जिला पंचायत परिसीमन की अंतिम अधिसूचना जारी कर दी। कहा गया कि परिसीमन की प्रक्रिया में निर्वाचन नियम के प्रावधानों का भी उल्लंघन किया गया। नियमानुसार प्रारंभिक अधिसूचना का नोटिस कलेक्टर, जिला पंचायत, विकासखंड और तहसीलदार कार्यालय में चस्पा करना अनिवार्य है, जो नहीं किया गया। याचिका में कहा गया कि परिसीमन की पूरी प्रक्रिया में नियमों का खुला उल्लंघन किया गया है, इसलिए अधिसूचना निरस्त करने योग्य है। प्रारम्भिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने अनावेदकों से जवाब मांगा। चीफ जस्टिस रवि मलिमठ एवं जस्टिस पुरुषेन्द्र कौरव की खंडपीठ ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव, आयुक्त व भोपाल कलेक्टर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। अगली सुनवाई 13 जून को होगी। भोपाल जिले की बैरसिया तहसील के हर्राखेड़ा निवासी मनमोहन नागर ने याचिका दायर कर कोर्ट को बताया कि भोपाल आयुक्त ने 22 फरवरी 2022 को जिला पंचायत के परिसीमन की प्रारंभिक अधिसूचना जारी की।
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