scriptहैवी वर्कलोड और नींद की कमी से बढ़ रही बीपी और डायबिटीज की बीमारी, ऐसे करें बचाव | how to control diabetes without medicine | Patrika News

हैवी वर्कलोड और नींद की कमी से बढ़ रही बीपी और डायबिटीज की बीमारी, ऐसे करें बचाव

locationजबलपुरPublished: Apr 24, 2019 08:33:56 pm

Submitted by:

abhishek dixit

हैवी वर्कलोड और नींद की कमी से बढ़ रही बीपी और डायबिटीज की बीमारी, ऐसे करें बचाव

blood pressure,high blood pressure,food for blood pressure problem,yoga for high blood pressure,how to control bp,how to control blood pressure,how to control diabetes,

blood pressure,high blood pressure,food for blood pressure problem,yoga for high blood pressure,how to control bp,how to control blood pressure,how to control diabetes,

जबलपुर. अनियमित दिनचर्या और खानपान ने शुगर और ब्लड प्रेशर के मरीज बढ़ा दिए हैं। शहर में एक सर्वे में भी यह बात सामने आयी कि ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के नए मरीजों में कम उम्र में गम्भीर लक्षण मिल रहे हंै। हालांकि विशेषज्ञ चिकित्सकों का मानना है कि समय रहते मर्ज पकड़ में आए तो मरीज स्वस्थ्य हो सकता है। चिकित्सकों के अनुसार बीपी और डायबिटीज की बीमारी को पहले अनुवांशिक कारणों से होना माना जाता था। जबकि, अब यह आधार नहीं रह गया है। बढ़ती भागदौड़, कामकाज का दबाव, दूषित खानपान, तनाव और नींद में कमी सहित अन्य कारणों से ये बीमारी बढ़ रही हैं। शुगर और बीपी की समस्या मोटे लोगों को आसानी से घेरती है। चिकित्सकों के अनुसार बच्चों, युवाओं व महिलाओं में फास्ट फूड, जंक फूड, सॉफ्ट ड्रिंक्स जैसी खाद्य सामग्रियों का सेवन बढ़ा है। मोबाइल और इंटरनेट के उपयोग के बीच कसरत और नींद कम हो गई है। इससे लोग मोटापे का शिकार हो रहे है।

Read Also : संतुलित खानपान बनाएगा सेहतमंद, जानें इस खास डाइट प्लान के बारे में

डायबिटीज के लक्षण
– बार-बार पेशाब लगना
– वजन कम होना
– हाथ पैर में झुनझुनी
– मुहं सूखना व बार-बार प्यास लगना
– अचानक चक्कर आना
– आंखों के सामने अंधेरा छाना
– बच्चों में उल्टी, पेट में दर्द, सांस फूलना।

बीपी की वजह
– ऑइली फूड खाना
– कॉलेस्ट्रॉल बढऩा
– तनाव
– काम का दबाव
– किसी बात को लगातार सोचना

चिकित्सकों की सलाह
– संतुलित दिनचर्या और आहार करें।
– नियमित व्यायाम करें, पैदल चलें।
– मरीज नियमित दवा का सेवन करें।
– तनाव मुक्त जीवन बिताएं।
– परेशानी महसूस होने पर अनदेखी न करें।
– पीडि़त नियमित जांच कराएं।

डायबिटीज पहले 40 वर्ष की आयु के बाद होती थी। यह अनुवांशिक मानी जाती थी, लेकिन अब मोटापे के कारण 15-16 वर्ष के बच्चों में भी लक्षण मिल रहे है। औसतन शहर में हर वर्ष 5-10 प्रतिशत तक डायबिटीज के मरीज बढ़ रहे हैं।
डॉ. आशीष डेंगरा, डायबिटीज एवं मोटापा रोग विशेषज्ञ

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो