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एसआइटी की जांच में खुलासा, मोखा ने बिना डिग्री वाले देवेश को बना दिया था सिटी अस्पताल में फार्मासिस्ट

locationजबलपुरPublished: Jun 08, 2021 02:56:30 pm

Submitted by:

Lalit kostha

नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामला
 
 

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mokha’s mobile caught from manager sonia house

जबलपुर। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन खपाने के मुख्य आरोपी सरबजीत सिंह मोखा ने अपने सिटी अस्पताल में की गई नियुक्तियों में भी जमकर फर्जीवाड़ा किया है। बिना पात्रता वाले लोगों को अस्पताल में विभिन्न अहम पदों पर बैठा दिया गया। इसका खुलासा अस्पताल में फार्मासिस्ट का काम देखने वाले देवेश चौरसिया के संबंध में एसआइटी ने किया है। एसआइटी ने उसकी नियुक्ति संबंधी नियमों की जानकारी सीएमएचओ से मांगी थी।

नहीं पेश किए दस्तावेज

एसआइटी ने सिटी अस्पताल के फार्मासिस्ट देवेश चौरसिया को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद उससे डिग्री या डिप्लोमा की जानकारी मांगी गई थी। वह कोई भी दस्तावेज पेश नहीं कर पाया था। इसके बाद फार्मासिस्ट की नियुक्ति के संबंध में विभिन्न जानकारियां एसआइटी द्वारा जुटाई गई। जांच में खुलासा हुआ कि बिना फार्मासिस्ट डिग्री या डिप्लोमा के किसी को भी अस्पताल या दवा दुकान तक का फार्मासिस्ट नहीं बनाया जा सकता। सरबजीत सिंह मोखा ने देवेश के माध्यम से ही सपन जैन के जरिए इंदौर से नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बुलाए थे।

दवा दुकान में काम करता था देवेश

एसआइटी को जांच में पता चला कि देवेश सिटी अस्पताल में नौकरी करने के पहले दवा दुकान में काम करता था। मोखा ने बिना डिग्री उसे नौकरी पर रख लिया था।

कोविड वार्ड में तैनात स्टाफ की भी हो सकती है जांच

अस्पताल के अन्य अधिकारियों, कर्मचारियों और स्टाफ की नियुक्तियों पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि एसआइटी द्वारा अस्पताल के पूरे स्टाफ की नियुक्ति के दस्तावेजों की जांच कर उनकी समीक्षा करेगी। खासकर उस स्टाफ की जांच की जाएगी, जो कोविड वार्ड में ड्यूटी करता है।

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