जिला अस्पताल
– 20 एचडीयू बेड बच्चा वार्ड में बना रहे हैं।
– 15 बेड एनआरसी के ऑक्सीजन युक्त होंगे।
– 10 बेड, सीआइसीयू में बढ़ेंगे। अब 20 बेड होंगे।
डॉक्टर और प्रशिक्षित कर्मियों की जरूरत
जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड में नए एचडीयू बेड और सीआइसीयू बेड संख्या बढऩे से भर्ती होने वाले बच्चों की निगरानी और उपचार के लिए डॉक्टर और प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों की जरूरत होगी। इसकी जरूरत से भी स्वास्थ्य संचानालय को अवगत कराया गया है। ट्रेंड स्टाफ की नियुक्ति का प्रस्ताव भेजा है। बच्चों के लिए मास्क, वेंटिलेटर, बायपेप मशीन सहित अन्य आवश्यक चिकित्सकीय उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए अभी से प्रक्रिया की जा रही है।
मेडिकल कॉलेज
– 30 बेड एनआइसीयू और 90 बेड बच्चा वार्ड में हैं।
– 30 बेड का सीआइसीयू बनाने की प्रक्रिया चल रही है।
– 150 कुल बिस्तर पीडियाट्रिक वार्ड में हो जाएंगे।
नर्सेस का प्रशिक्षण शुरू
मेडिकल कॉलेज ने भविष्य की सम्भावनाओं को ध्यान में रखते हुए अभी से बच्चों की देखभाल के लिए नर्सेस का प्रशिक्षण प्रारंभ कर दिया है। नर्सेस को पीडियाट्रिक ट्रेनिंग से जोडऩे के लिए ड्यूटी रोस्टर बदला जा रहा है। प्रत्येक नर्स से अब पीडियाट्रिक वार्ड में ड्यूटी कराने की योजना बनाई गई है। इनकी 15-15 दिन पीडियाट्रिक वार्ड में ड्यूटी लगाई जा रही है। अन्य स्टाफ को भी बच्चों के उपचार के लिहाज से तैयार किया जा रहा है।
दूसरी लहर में तीन गुना ज्यादा बच्चे संक्रमित
– 590 कोरोना संक्रमित पिछले वर्ष (मार्च से दिसंबर, 2020) मिले थे।
– 1871 कोरोना संक्रमित इस वर्ष (जनवरी से मई) मिले हैं।
बच्चों की सुरक्षा के लिए बड़ों को सतर्क रहना होगा
नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अव्यक्त अग्रवाल के अनुसार कोरोना की तीसरी लहर जाएगी, इसकी सम्भावना है। लेकिन इसमें किस आयु वर्ग पर ज्यादा प्रभाव होगा, यह कहना मुश्किल है। वायरस कब और किस तरह बर्ताव करेगा, यह अनुमान करना कठिन है। पहली लहर में बुजुर्ग कोरोना से ज्यादा प्रभावित हुए। दूसरी लहर के समय कोविड-19 वैक्सीनेशन प्रारंभ हो चुका था। तब युवाओं में संक्रमण के मामले बढ़े। अब 18 वर्ष से ज्यादा उम्र के सभी व्यक्तियों को टीका लग रहा है। अभी बच्चे टीकाकरण से बचे हुए हैं। इस कारण उनके लिए सम्भावित खतरा है। परंतु ये भी आवश्यक नहीं है कि सिर्फ बच्चे तीसरी लहर में प्रभावित होंगे। हां, बच्चों की संक्रमण से सुरक्षा के लिए घर के बड़े सदस्यों को सतर्क रहना होगा। यदि वे कोरोना से सुरक्षित है, तो बच्चों को भी खतरें की गुंजाइश कम होगी।
कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर बच्चा वार्ड में हाई डिपेंडेंसी यूनिट का निर्माण कर रहे है। बच्चों के लिए ऑक्सीजन बेड बढ़ा रहे हैं। आवश्यक उपकरण की उपलब्धता सुनिश्चित कर रहे हैं।
– डॉ. सीबी अरोरा, सिविल सर्जन, विक्टोरिया जिला अस्पताल
पीडियाट्रिक वार्ड को 150 बिस्तर का बना रहे हैं। भर्ती बच्चों की बेहतर देखभाल के लिए सभी नर्सेस को एक-एक करके पीडियाट्रिक वार्ड में ड्यूटी के जरिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।
– डॉ. पीके कसार, अधिष्ठाता, मेडिकल कॉलेज