मेडिकल के आईसोलेटेड वार्ड में कोरोना पॉजीटिव और संभावित मरीजों को रखा जाता है। एेसे मरीजों की मृत्यु हो जाने पर शव उनके परिजनों को सौंपा नहीं जाता है बल्कि इसका कफन-दफन अब नगर निगम की ओर से किया जा रहा है। इसके लिए नगर निगम की ओर से एक टीम लगाई गई है, जो शव को मेडिकल से लेकर चौहानी श्मशान तक ले जाती है, जहां इसका कफन-दफन करती है।
अंत्येष्टि में शामिल हो सकते हैं परिजन
प्रशासन की ओर से यह कहा गया है कि अंत्येष्टि में परिवार के पांच लोग शामिल हो सकते हैं। इनके लिए नगर निगम पीपीई किट मुहैया करवाएगी। शुरूआत में अंत्येष्टि के दौरान मृतक के परिजनों को किट दिया गया लेकिन बाद में किट की कमी दर्शा कर परिजनों को इससे दूर रखा गया।
मजबूरी का उठाया फायदा : नगर निगम के अमले ने लोगों की मजबूरी का फायदा उठाना शुरू कर दिया है। अंत्येष्टि में पहुंचने वाले मृतक के परिजनों को पीपीई किट देने के एवज में वसूली शुरू कर दी है।
ये है हकीकत बुधवार को कोरोना संभावित एक व्यक्ति की मृत्यु हो जाने पर उसका शव चौहानी श्मशान में अंत्येष्टि के लिए ले जाया गया। इसमें नगर निगम के अमले सहित परिजन के कुछ लोग पहुंचे थे। परिजन के लोगों ने मृतक के चेहरा देखने की मांग की तो अमले ने उन्हें किट पहनकर ही जाने की इजाजत दी। मौके पर परिजन के दो लोग शामिल हुए। इन लोगों ने निगम से किट ली और मृतक की अंत्येष्टि की। इस दौरान किट के एवज में खर्चा देने की मांग की गई। अंत्येष्टि हो जाने के बाद अमले ने मृतक के परिजनों से वसूली की, तभी परिजनों को वहां से जाने दिया…।
वीडियो में बातचीत के अंश… कितना पैसा देना है?
जो हो दे दो।
दो पीपीई किट ली है, बताओ?
अरे, जो भी हो दे दो।
ये लो डेढ़ सौ है, चलेगा।
हां, ठीक है। – यह मामला मेरे संज्ञान में आया है। इस मामले की जांच शुरू कर दी है।
भूपेन्द्र सिंह, स्वास्थ्य अधिकारी, नगर निगम