वर्षों से खाली है पद
नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के अध्यक्ष डॉ. पीजी नाजपांडे की ओर से हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। याचिका में उन्होंने न्यायालय को बताया कि मानवाधिकार आयोग में पूर्णकालिक अध्यक्ष का पद जुलाई 2010 से रिक्त है। इस पद को भरा नहीं जा रहा है। इसके चलते मानव अधिकारों से जुड़े कई विषयों पर आगे कार्रवाई नहीं हो पा रही है।
पहले दी ये जानकारी
याचिकाकर्ता नाजपांडे ने बताया कि मानव अधिकार आयोग अध्यक्ष पद की रिक्तता को लेकर उन्होंने वर्ष 2012 में याचिका दायर की थी। सरकार ने अपै्रल 201४ में जो जवाब दिया था कि नियुक्ति प्रक्रिया विचाराधीन है। जब इसके बाद भी पद पर कोई नियुक्ति नहीं की गई तो इसके लिए पुन: याचिका दायर की गई। मामले की सुनवाई के दौरान सरकार द्वारा जवाब पेश नहीं किया जा रहा था। जिसके बाद कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया। अब सरकार ने जवाब पेश किया है कि राज्यपाल की अनुशंसा के बाद इस पद पर योग्य व्यक्ति की नियुक्ति की जाएगी। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अजय रायजदा ने पक्ष रखा।
विद्युत कंपनी को आखिरी मोहलत
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की ओर से बिजली मीटर की फोटो रीडिंग व स्पॉट बिलिंग को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश हेमंत गुप्ता व न्यायाधीश विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के जवाब पेश नहीं करने पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने कंपनी को जवाब पेश करने का अंतिम अवसर दिया। जनहित याचिका हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के सदस्य सुबोध गौतम ने दायर की थी। इसमें कहा गया कि फेडको कंपनी ठेका नियमों का पालन नहीं कर रही। उपभोक्ताओं को 30 दिन के लिए टैरिफ व बिलिंग निर्धारित है, लेकिन कंपनी 45 दिन व उससे ज्यादा बिलिंग कर रही है। इससे उपभोक्ताओं पर अतिरिक्तभार पड़ रहा है। याचिका में कंपनी के सॉफ्टवेयर को चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता आशीष, असीम त्रिवेदी ने पक्ष रखा।