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आखिर इस युवती के रूपजाल में फंसकर लोग क्यूं लुटा देते हैं अपना सब कुछ

locationजबलपुरPublished: Jan 19, 2019 01:33:44 am

Submitted by:

santosh singh

आइसक्रीम पार्लर संचालक मामले में एसपी ने सिविल लाइंस थाने के आरक्षक को निलम्बित किया
जांच में चौंकाने वाला खुलासा, आर्मी, व्यापारी, मेडिकल कर्मी सहित ग्वारीघाट के एक बाबा भी बन चुके हैं शिकार
 

आइसक्रीम पार्लर संचालक मामले में एसपी ने सिविल लाइंस थाने के आरक्षक को निलम्बित किया

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जबलपुर.धनवंतरी नगर की घटना के बाद घमापुर में मामले में सामने आए फर्जी पत्रकार और पुलिस गठजोड़ प्रकरण में चौंकाने वाली जानकारियां सामने आ रही हैं। पुलिस से मिलीभगत कर फर्जी पत्रकार व युवती की जोड़ी ने शहर के कई लोगों को ब्लैकमेल कर अवैध वसूली की है। यह धंधा पिछले चार साल से चल रहा था। एक व्यापारी से दोनों साल भर पहले पांच लाख रुपए वसूले थे। कई पीडि़त अब सामने आ रहे हैं। उधर, एसपी ने सिविल लाइंस थाने में पदस्थ आरक्षक घनश्याम को शुक्रवार को निलम्बित कर दिया।

जानकारी के अनुसार घमापुर निवासी आइसक्रीम पार्लर संचालक टेकचंद गौतम की आपत्तिजनक वीडियो व फोटो खींचकर दो लाख की ब्लैकमेलिंग करने वाला फर्जी पत्रकार घमापुर निवासी ओमप्रकाश और युवती घर से फरार हैं। दोनों की तलाश में पुलिस ने कई जगह दबिश दी।

व्यापारी के सीडीआर में सिपाही का मिला नम्बर
आइसक्रीम पार्लर संचालक टेकचंद गौतम से वसूली की रकम मांगने में सिविल लाइंस थाने में पदस्थ सिपाही घनश्याम का नाम सामने आया। टेकचंद के नम्बर की सीडीआर में सिपाही का भी नम्बर मिला। जिसके बाद एसपी ने सिपाही को निलम्बित कर दिया। दूसरे सिपाही की पहचान की कवायद जारी है।

खुलने लगी ब्लैकमेलिंग की परत दर परत

बताया जाता है कि आरोपी युवती और ओमप्रकाश रजक उर्फ छुट्टन रजक चार साल से ब्लैकमेलिंग चला रहे हैं। इस जोड़ी के शिकार होने वाले लोगों में सदर के एक क्लब संचालक, इंद्रा मार्केट के एक व्यापारी, एक बैंक मैनेजर, गलगला के व्यापारी सहित सेना के 12 से 15 जवान शामिल हैं। युवती ने ग्वारीघाट के एक बाबा के खिलाफ भी मई 2018 में इसी तरह की शिकायत दी गई थी।

इस तरह चल रहा था वसूली का धंधा

युवती लोगों को काम मांगने के बहाने फंसाती थी, फिर उसे अपने फ्लैट या किसी अन्य स्थान पर बुलाती थी। वहां ओमप्रकाश आपत्तिजनक हालत में युवती के साथ पीडि़तों के वीडियो व फोटो बना लेते। इसके बाद दोनों सिपाहियों को बुलाया जाता था। युवती लिखित शिकायत देती थी। पुलिस वाले शिकार को गिरफ्तार करने की धमकी देने के साथ ही आपस में समझौता करने की सलाह देते थे। इसके बाद ब्लैकमेलिंग का दौर शुरू होता था।

धनवंतरी नगर मामले में एएसपी भी सवालों के घेरे में
विधानसभा चुनाव के दौरान धनवंतरी नगर में इसी तरह का प्रकरण सामने आने पर एसपी ने एएसपी संजीव उईके को जांच सौंपी थी। जांच के दौरान कथित पत्रकार और पुलिस के गठजोड़ की शिकार युवती सहित कई पीडि़त सामने आए। बावजूद एएसपी ने सभी को क्लीनचिट दे दी। प्रकरण में एफआइआर तक दर्ज नहीं करायी गई। इस मामले में नए आईजी विवेक शर्मा ने भी संज्ञान में लेते हुए रिपोर्ट तलब की है।

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