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कमाल है… ऑफिस में कुर्सी और कमरा पसंद नहीं आया तो दिन भर खड़े ही रहे ये एसडीएम!

locationजबलपुरPublished: Sep 25, 2018 10:19:35 pm

Submitted by:

Premshankar Tiwari

नवागत आइएएस के रवैये से हैरान रहे कलेक्ट्रेट के कर्मचारी

IAS officer's unique style

IAS officer’s unique style

जबलपुर। कलेक्ट्रेट में मंगलवार को एक नवागत आईएएस का व्यवहार चर्चा का विषय बना रहा। दरअसल वे अपने दफ्तर में दिन भर खड़े ही रहे। उनका तर्क था कि ऑफिस का कमरा, कुर्सी व अन्य फर्नीचर अच्छा नहीं है। नवागत आईएसएस को अपर कलेक्टर ग्रामीण की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

उफ इतना छोटा कमरा
प्रत्यक्ष दर्शियों के अनुसार इतना छोटा कमरा और ये टेबल, कुर्सी इसमें बैठकर भला काम कैसे होगा? कुछ ऐसे ही ये कहते हुए नवागत अपर कलेक्टर आईएएस रोहित सिंह मंगलवार को दिनभर अपने कक्ष में खड़े रहे। उनकी पदस्थापना अपर कलेक्टर ग्रामीण के तौर पर की गई है। उन्हें कमरा और फर्नीचर पसंद नहीं आया। उन्होंने तत्काल कक्ष व फर्नीचर बदलने की मांग कर दी। मामला कलेक्टर के समक्ष पहुंचा। उन्होंने कहा कि एडीएम ग्रामीण उसी कक्ष में बैठते रहे हैं, फिलहाल कोई और कक्ष उपलब्ध नहीं है।

दूसरे कमरे को खाली कराने की मांग
घटनाक्रम के दौरान एडीएम सिंह ने कक्ष क्रमांक एक को खाली कराकर उन्हें उपलब्ध कराने की मांग रख दी। जिसमें की दस्तावेजों का रिकॉर्ड रखा रहता है। रिकॉर्ड की वजह से इस कमरे को खाली किए जाने पर अटकलें सामने आ गईं। कलेक्टर का इस मामले में स्पष्ट कहना है कि काम महत्वपूर्ण है। मनमाना कक्ष, फर्नीचर या अन्य व्यवस्थाओं को लेकर अधिकारी द्वारा मांग किया जाना हैरान करने वाला है। नवागत आईएएस के इस रवैये से कलेक्ट्रेट का स्टाफ हैरान है। जनसुनवाई के दौरान कलेक्ट्रेट में दिन भर लोगों की खासी चहल-पहल रही। कलेक्टर ने लोगों के मामले भी सुने। इस बीच नवागत एडीएम से जुड़ा घटनाक्रम भी चर्चाओं में बना रहा।

पदस्थापना के लिए जुगाड़
जानकार सूत्र बताते हैं कि एडीएम सिंह ने पदस्थापना को लेकर भी चर्चाओं में रहे। माना जा रहा कि एडीएम सिंह को जिले में मलाईदार पद दिलाने के लिए पहले राजस्व विभाग से लेकर निर्वाचन के आला अधिकारी भी जोर लगा चुके हैं। जिससे उन्हें निर्वाचन से सम्बंधित कार्य या एडीएम शहर की जिम्मेदारी मिल सके। हालांकि उनके पैंतरे अभी तक काम पर नहीं आ पाए हैं।

काम सबसे महत्वपूर्ण
एडीएम सिंह को स्पष्ट कर दिया गया है कि उक्त कक्ष में ही पूर्व में अपर कलेक्टर ग्रामीण बैठते रहे हैं और कक्ष या फर्नीचर नहीं बल्कि कामकाज सबसे महत्वपूर्ण होता है।
– छवि भारद्वाज, कलेक्टर

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