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गरीबी भी नहीं डिगा सकी इरादे, समाज सेवा से प्रदेश में बनाई पहचान

locationजबलपुरPublished: May 13, 2018 03:44:59 pm

Submitted by:

amaresh singh

किसी ने मुश्किलों में अपने बच्चों का जीवन संवारा तो कुछ ने राजनीति व समाज के क्षेत्र में पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर चलीं।

Identity made in the state from social service

Identity made in the state from social service

कटनी । किसी ने मुश्किलों में अपने बच्चों का जीवन संवारा तो कुछ ने राजनीति व समाज के क्षेत्र में पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर चलीं। जिले की तीन ऐसी महिलाएं, जिन्होंने परिवारिक, राजनीतिक व सामाजिक क्षेत्र में अपना नाम कमाया और उस मुकाम तक पहुंचीं, जहां पर पहुंचना हर किसी महिला की ख्वाहिश
होती है।

लोगों के घरों में किया काम, बेटी को बनाया अफसर
शहरी क्षेत्र के बैलटघाट में रहने वाली शीला रैकवार की बेटी कोमल के जन्म लेने के कुछ ही दिन बाद पति की मौत हो गई। बेटी की अच्छी परिवरिश करने व अफसर बनाने का सपना देखने वाली मां शीला ने गरीबी के दर्द को बखूबी झेला लेकिन उनका हौसला डिगा नहीं। लोगों के घरों में जाकर घरेलू कामकाज किया। उससे मिलने वाली आय से बेटी कोमल को पढ़ा-लिखाकर प्रशासनिक अफसर बनाया। वर्तमान में कोमल नायब तहसीलदार के पद पर उमरिया जिले की बांधवगढ़ तहसील में पदस्थ हैं।

शिक्षिका पद से इस्तीफा दिया, बनीं जिपं की अध्यक्ष
विजयराघवगढ़ के ग्राम कारीतलाई की रहने वाले जिला पंचायत अध्यक्ष ममता पटेल राजनीति में आने से पहले एक सरकारी स्कूल में शिक्षिका थीं। मन में कुछ कर गुजरने की इच्छा को लेकर उन्होंने साल २०१४ में जिला पंचायत का चुनाव लड़ा और अध्यक्ष बनीं। उन्होंने बताया कि राजनीति की इस व्यस्त जीवन शैली में भी वह परिवार को पूरा समय देती हैं। बच्चों को अच्छा संस्कार दिया। इसके परिणाम स्वरूप उनकी बड़ी बेटी धार में डिप्टी कलेक्टर के पद पर पदस्थ हैं।

समाज सेवा के क्षेत्र में प्रदेश सरकार से पाया पुरस्कार
समाजसेवा में नाम कमाने वाली जिले की प्रीति सेन पिछले कई साल से समाजसेवा के कार्य से जुड़ी हैं। प्रीति सामाजिक कार्य के अलावा घर-परिवार की जिम्मेदारी अच्छी तरह से संभालती हैं। इसी का परिणाम है कि प्रीति को प्रदेश सरकार ने हाल ही में मप्र रामजी महाजन पुरस्कार से सम्मानित किया। समाजसेवा के कार्य में पुरस्कार पाने के बाद प्रीति सेन का परिवार काफी खुश है। उन्होंने बताया कि साल २००२ में जिले में एडीशनल एसपी रहे राधेश्याम साकेत ने समाजसेवा के क्षेत्र में जुडऩे के लिए प्रेरित किया था।
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