पहले ही जता चुके विरोध राजेश कुमार, रोहित, शशिकांत आदि ने कहा कि जब अवकाश के दिन स्कूल खुले ही नहीं तो फिर अभिभावक अवकाश के दिनों की फीस क्यों दे। फीस लिए जाने को लेकर पहले ही अभिभावकों द्वारा विरोध दर्ज कर दिया गया था लेकिन इसके बाद भी स्कूल प्रबंधन न तो अभिभावकों से मुलाकात की न ही कोई आश्वासन दिया। अभिभावकों को मैसेज देकर फीस देने के लिए कहा गया। जब अभिभावक मिलने पहुंचे तो फादर ने मिलने से इंकार कर दिया। जिसके बाद अभिभावकों ने हंगामा कर दिया। स्कूल में हावी है मनमानी
अभिभावकों ने आरोप लगाए कि स्कूल में लगातार मनमानी की जा रही है। फीस में हरसाल मनमानी बढ़ोत्तरी कर दी जाती है तो वहीं ड्रेस, किताब कापियां भी निश्चित दुकानों पर ही मिलती है। कमीशनखोरी के चलते शिक्षा महंगी होती जाने के कारण बजट बिगड़ रहा है। अभिभावक मनमानी से त्रस्त हैं लेकिन स्कूल प्रबंधन पर कोई भी कार्रवाई प्रशासन द्वारा की जा रही है।
-दस माह की फीस लेने के संबंध में कोई स्पष्ट आदेश नहीं हैं। अप्रैल-मई में शिक्षकों को वेतन देना पड़ता है। यह पैसा कहां से आएगा। अभिभावकों को इस संबंध में बता दिया गया है। अभिभावकों द्वारा नजायज विरोध किया जा रहा है।
-फादर जॉय जोसफ, प्राचार्य सेंट ग्रेबियल स्कूल रांझी