इन मामलों मेें होती है परेशानी
धोखाधड़ी : पीडि़त रुपयों के लेनदेन से सम्बंधित शिकायतों का पूरा विवरण एफआईआर में लिखवाना चाहता है। ऐसे में कई बार एफआईआर में 10000 से १२000 शब्द हो जाते हैं। पुलिस के लिए भी परेशानी का सबब बन रही है।
ये करते हैं मनमानी
कम्प्यूटर ऑपरेटर : यदि विवेचना अधिकारी कम्प्यूटर ऑपरेटर को पीडि़त का आवेदन पत्र दे दे। विवरण लम्बा होने पर ऑपरेटिंग का काम करने वाले पुलिस जवान कई बार एेसे तथ्य एफआईआर से हटा देते हैं, जिन्हें पीडि़त आवश्यक समझता है।
ड्यूटी अफसर : एफआईआर दर्ज करने की जिम्मेदारी ड्यूटी अफसर की होती है। पीडि़त द्वारा लंबी-चौड़ी शिकायत करने पर ड्यूटी अफसर मनमाने ढंग से काटछांट कर देते हैं।
ये तरीका अपनाते हैं
बयान में बाकी बातें व तथ्य लाने के लिए आवेदक से कहा जाता है।
अलग से आवेदन संलग्न करने के लिए भी कहा जाता है।
तथ्यों की जगह दस्तावेज संलग्न किए जाते हैं।