scriptबापू को दिल से याद करें तो यह शहर खूबसूरत नजर आने लगेगा | If you remember Bapu by heart, this city will look beautiful | Patrika News

बापू को दिल से याद करें तो यह शहर खूबसूरत नजर आने लगेगा

locationजबलपुरPublished: Oct 02, 2020 09:46:56 pm

Submitted by:

shyam bihari

जबलपुर में स्वच्छता रैंकिंग को लेकर प्रशासन की ओर से पानी की तरह पैसा बहाया जाता है, फिर भी लगा रहता है गंदगी का अम्बार
 

मोहनदास करमचंद गांधी

मोहनदास करमचंद गांधी

 

पांच लाख से ज्यादा जनसंख्या वर्ग में शहरवार अंक
-340 जबलपुर
-482 इंदौर
-454 ग्वालियर

-440 भोपाल

जबलपुर। सफाई का वैसे तो जबलपुर शहर में ढिंढोरा पीटा जाता है। जबलपुर नं. 1 कैम्पेन चलाया जाता है। नगर में वार्डों की सफाई पर करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं। इसके बावजूद गली, मोहल्लों से लेकर सार्वजनिक स्थलों से कचरे का ढेर खत्म नहीं हो रहे हैं। स्वच्छता रैंकिं ग से लेकर सफाई पर जारी होने वाली सभी रैंकिं ग में जबलपुर हर बार पिछड़ रहा है। गंदगी भारत छोड़ो अभियान के तहत प्रदेश के पांच लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों की रैंकिं ग जारी हुई, तो जबलपुर फिर फिसड्डी साबित हुआ। महात्मा गांधी ने स्वच्छता को जीवन का अहम अंग बताया। स्वच्छता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी ड्रीम प्रोजेक्ट है। ऐसे में बापू की जयंती के मौके पर सभी शहरवासियों को संकल्प लेकर ‘मिशन मोडÓ पर काम करने की दरकार है। शहर की तस्वीर संकल्प से ही बदल सकती है।
संसाधनों की कमी नहीं
निगम के पास संसाधनों की कमी नहीं है। सफाई सम्बंधी पंद्रह सौ से ज्यादा कर्मचारी हैं। डोर टू डोर कचरा कलेक्शन के लिए पर्याप्त संख्या में वाहन व अन्य उपकरण हैं। कचरे के निपटारण के लिए कठौंदा में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट भी संचालित है।

स्वच्छता सतत प्रक्रिया है, सुबह से निगम सभी जिम्मेदार अधिकारियों को निगरानी के लिए फील्ड पर तैनात करेंगे। जिला प्रशासन के अधिकारियों को भी इस कार्य से जोड़ेंगे। सफाई व्यवस्था में जो भी खामियां हैं उन्हें दूर करेंगे। जिससे कि सफाई व्यवस्था तो सुधरे ही स्वच्छता की रैंकिं ग में भी जबलपुर अव्वल आए।
अनूप कुमार सिंह, आयुक्त, नगर निगम
इंदौर, भोपाल समेत ऐसे सभी शहरों की रणनीति को अपनाना चाहिए, जिससे स्वच्छता में जबलपुर की स्थिति सुधरे। इस दिशा में ज्यादा प्रयास नहीं हो रहे हैं। शहरवासियों का विश्वास जीतना होगा कि अपने शहर को स्वच्छता में आगे लेकर जाना है। जिससे शहर के लोगों की सहभागिता बढ़े।
विनोद कुमार ओमरे, पूर्व सचिव, नगर निगम
शहर के गली, मोहल्लों से लेकर सार्वजनिक स्थान, आवासीय परिसर, संस्थानों के परिसरों की सफाई को लोगों की आदत में शामिल करना होगा। सफाई अभियान को पर्यावरण की सुरक्षा से भी जोडऩा होगा। उन्हें जागरूक करना होगा कि शहर को साफ सुथरा रखकर पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सकता है।
एबी मिश्रा, पर्यावरण विद

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