80 फीट तक गहराई
नर्मदा के घाटों में सबसे खतरनाक जिलहरीघाट है। यहां पानी का बेग काफी तेज और घुमावदार है। इस घाट पर अलग-अलग गहराई है। नीचे के पत्थर इसे और खतरनाक बना देते हैं। अक्सर डूबने वाला इन पत्थरों में फंस जाता है। इस घाट पर 80 फीट तक गहराई है। इस जोखिम भरे घाट पर भी बड़ी संख्या में लोग नहाने पहुंच रहे हैं। रेस्क्यू टीम के प्रभारी एसडीआरएफ के हेड कांस्टेबल विजय सिंह ने बताया कि इस घाट पर पानी का भंवर बनता है, जिसकी वजह से राहत व बचाव कार्य काफी मुश्किल रहता है।
न्यूज फैक्ट-
हर दिन इतने लोग पहुंच रहे
ग्वारीघाट के विभिन्न घाटों पर- 40 से 45 हजार
तिलवारा- 5 से 7 हजार
भेड़ाघाट- 10 से 12 हजार
जमतरा- 700 से 800
न्यू भेड़ाघाट- 15 से 18 सौ लोग
ये होना चाहिए-
– खतरनाक स्थानों पर चेतावनी बोर्ड लगाया जाय
– लाइफ सपोर्ट जैकेट लेकर ही नहाने जाएं
– ट्यूब या प्लास्टिक के डिब्बे का प्रयोग भी कर सकते हैं
– तैराकी न आती हो तो गहरायी में जाने से बचें
– यहां पत्थरों पर काई जमा रहती है, ऐसे में समूह बनाकर ही नहाने जाएं।
– घाटों पर एसडीआरएफ की एक प्रशिक्षित टीम संसाधन के साथ मौजूद हो।
हादसों से नहीं ले रहे सबक-
– 26 अप्रैल को ग्वारीघाट के दरोगाघाट पर गौरयाघाट बरेला निवासी मुनील चौहान का 12 वर्षीय बेटा नितेश डूब गया।
– 10 नवम्बर 2018 को जिलहरी घाट पर आगा चौक निवासी मोहित केशरवानी (24) डूब गया।
– 30 सितम्बर 2018 को जिलहरीघाट में चेरीताल खेरमाई स्थित ननिहाल में रह रहे अंशुल यादव (21) की मौत।
– 03 जून 2018 को भेड़ाघाट के गौबच्छाघाट में टेढ़ी चौकी शहपुरा निवासी छात्रा अंजली विश्वकर्मा (22) की मौत।
– 10 जून 2018 को नावघाट में बड़ी ओमती पेशकारी स्कूल के पास रहने वाले सोहेल रजा (13) की डूबकर मौत।
– 24 अप्रैल 2018 को न्यू भेड़ाघाट में पिकनिक मनाने के दौरान बरेला निवासी आदित्य तिवारी (16) की डूब कर मौत।
– 14 अप्रैल 2018 को नर्मदा के जमतरा घाट पर गढ़ा निवासी देवांश तिवारी (16) और गोहलपुर निवासी गिरीश कोष्टा (16) की डूबकर मौत।
– 29 मार्च 2018 को नर्मदा के पायली में पिकनिक मनाने गए इंजीनियरिंग छात्र सिद्धांत सिंघई और क्षितिज प्रताप सिंह की मौत।
– 28 मार्च 2018 को जिलहरी घाट में नहाते समय तीन युवक डूबने लगे। संयोग ठीक रहा कि वहां प्रशिक्षण दे रहे खेल अधिकारी राकेश तिवारी ने बचा लिया।
नर्मदा के घाटों में सबसे खतरनाक जिलहरीघाट है। यहां पानी का बेग काफी तेज और घुमावदार है। इस घाट पर अलग-अलग गहराई है। नीचे के पत्थर इसे और खतरनाक बना देते हैं। अक्सर डूबने वाला इन पत्थरों में फंस जाता है। इस घाट पर 80 फीट तक गहराई है। इस जोखिम भरे घाट पर भी बड़ी संख्या में लोग नहाने पहुंच रहे हैं। रेस्क्यू टीम के प्रभारी एसडीआरएफ के हेड कांस्टेबल विजय सिंह ने बताया कि इस घाट पर पानी का भंवर बनता है, जिसकी वजह से राहत व बचाव कार्य काफी मुश्किल रहता है।
न्यूज फैक्ट-
हर दिन इतने लोग पहुंच रहे
ग्वारीघाट के विभिन्न घाटों पर- 40 से 45 हजार
तिलवारा- 5 से 7 हजार
भेड़ाघाट- 10 से 12 हजार
जमतरा- 700 से 800
न्यू भेड़ाघाट- 15 से 18 सौ लोग
ये होना चाहिए-
– खतरनाक स्थानों पर चेतावनी बोर्ड लगाया जाय
– लाइफ सपोर्ट जैकेट लेकर ही नहाने जाएं
– ट्यूब या प्लास्टिक के डिब्बे का प्रयोग भी कर सकते हैं
– तैराकी न आती हो तो गहरायी में जाने से बचें
– यहां पत्थरों पर काई जमा रहती है, ऐसे में समूह बनाकर ही नहाने जाएं।
– घाटों पर एसडीआरएफ की एक प्रशिक्षित टीम संसाधन के साथ मौजूद हो।
हादसों से नहीं ले रहे सबक-
– 26 अप्रैल को ग्वारीघाट के दरोगाघाट पर गौरयाघाट बरेला निवासी मुनील चौहान का 12 वर्षीय बेटा नितेश डूब गया।
– 10 नवम्बर 2018 को जिलहरी घाट पर आगा चौक निवासी मोहित केशरवानी (24) डूब गया।
– 30 सितम्बर 2018 को जिलहरीघाट में चेरीताल खेरमाई स्थित ननिहाल में रह रहे अंशुल यादव (21) की मौत।
– 03 जून 2018 को भेड़ाघाट के गौबच्छाघाट में टेढ़ी चौकी शहपुरा निवासी छात्रा अंजली विश्वकर्मा (22) की मौत।
– 10 जून 2018 को नावघाट में बड़ी ओमती पेशकारी स्कूल के पास रहने वाले सोहेल रजा (13) की डूबकर मौत।
– 24 अप्रैल 2018 को न्यू भेड़ाघाट में पिकनिक मनाने के दौरान बरेला निवासी आदित्य तिवारी (16) की डूब कर मौत।
– 14 अप्रैल 2018 को नर्मदा के जमतरा घाट पर गढ़ा निवासी देवांश तिवारी (16) और गोहलपुर निवासी गिरीश कोष्टा (16) की डूबकर मौत।
– 29 मार्च 2018 को नर्मदा के पायली में पिकनिक मनाने गए इंजीनियरिंग छात्र सिद्धांत सिंघई और क्षितिज प्रताप सिंह की मौत।
– 28 मार्च 2018 को जिलहरी घाट में नहाते समय तीन युवक डूबने लगे। संयोग ठीक रहा कि वहां प्रशिक्षण दे रहे खेल अधिकारी राकेश तिवारी ने बचा लिया।