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Mp High Court सख्त, बदनपुर के अवैध निर्माणों और धार्मिक स्थल को नहीं मिली राहत

locationजबलपुरPublished: Jul 02, 2019 10:35:47 pm

Submitted by:

abhishek dixit

Mp High Court : कमिश्नर, कलेक्टर, निगमायुक्त, एसपी आकर बताएं, क्यों नहीं हटे मदन महल के अवैध निर्माण

High Court jabalpur

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जबलपुर. मप्र हाईकोर्ट ने अफसरों की ओर से सितंबर 2018 में किए गए वादे के मुताबिक जुलाई 2019 तक मदनमहल पहाड़ी को अतिक्रमणमुक्त नहीं कर पाने पर सख्त रवैया अपनाया। एक्टिंग चीफ जस्टिस आरएस झा व जस्टिस विजय शुक्ला की डिवीजन बेंच ने संभागायुक्त, कलेक्टर, एसपी व जबलपुर नगर निगमायुक्त को कहा कि वे 25 जुलाई को कोर्ट में हाजिर होकर इसकी वजह बताएं। सैनिक सोसायटी के पीछे स्थित बदनपुर के अवैध निर्माणों व पहाड़ी पर बने धार्मिक स्थल को भी कोर्ट ने राहत नहीं दी। अगली सुनवाई 25 जुलाई को होगी।

अब तक दो हजार
मंगलवार को सुनवाई के दौरान नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की ओर से अधिवक्ता सतीश वर्मा ने कहा कि जिला प्रशासन व नगर निगम अवैध धार्मिक स्थल हटाने की कार्रवाई में भेदभाव कर रहे हैं। राजनीतिक दबाव के चलते गढ़ा थाने के पीछे अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही है। अतिरिक्त महाधिवक्ता अजय गुप्ता ने बताया कि अब तक कुल लगभग 2 हजार अवैध निर्माण हटा दिए गए। 17 जून से अभी तक पहाड़ी से लगभग 100 अवैध निर्माण हटाए गए। कार्रवाई प्रगति पर है।

ग्रीन बेल्ट में हैं सैनिक सोसायटी के अवैध निर्माण
सैनिक सोसायटी के पीछ स्थित बदनपुर के 41 निवासियों की याचिका में कहा गया कि तत्कालीन एसडीएम व तहसीलदार से बाकायदा अनुमति लेकर मकान बनाए गए। वरिष्ठ अधिवक्ता रविनंदन सिंह ने तर्क दिया कि इसके बावजूद नगर निगम ने उनके मकानों को ग्रीन बेल्ट में मानकर नोटिस जारी कर दिया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने पाया कि उक्त सभी निर्माण ग्रीन बेल्ट में हुए। कोर्ट ने याचिका निराकृत करते हुए मकान मालिकों को नगर निगम के नोटिस का जवाब देने को कहा।

मस्जिद समिति को झटका
जिन्नाती मस्जिद समिति की याचिका में कहा गया कि उनकी मस्जिद पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित है। किंतु सुनवाई के दौरान ऐसा कोई प्रमाण पेश नहीं किया गया, जो मस्जिद को पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित साबित करे। सुनवाई के बाद कोर्ट ने मस्जिद कमेटी की याचिका निरस्त कर दी।

कलेक्टर ने दी रिपोर्ट-वन भूमि में हैं मढिय़ा ट्रस्ट के निर्माण
पिसनहारी मढिय़ा ट्रस्ट की ओर से कहा गया कि वे अपने अवैध निर्माण स्वयं हटा रहे हैं। जबकि कलेक्टर की रिपोर्ट में बताया गया कि मढिय़ा ट्रस्ट के मूल निर्माण को छोड़कर सभी निर्माण वन्य क्षेत्र में हैं। ट्रस्ट इन्हें हटाने की बात कह रहा है, जबकि ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इस पर कोर्ट ने कहा कि खुद न हटाने की सूरत में नगर निगम व प्रशासन इन्हें हटा देंगे।

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