सिहोरा और मझौली तहसील से बहने वाली हिरन में एक दर्जन से ज्यादा जगहों में अब भी बड़ी मात्रा में रेत का स्टॉक है। अधिकारियों ने रेत माफिया को जैसे अवैध स्टॉक की खुली छूट दे रखी है। माफिया ने बेखौफ होकर रेत का पहाड़ तैयार कर रखा है। बावजूद इसके कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की जा रही है।
इस तरह खेल और जनता पर बड़ा असर
अवैध खनन से जहां नदियां छलनी हो रही है, वहीं दूसरी ओर लोगों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। तीन गुना दाम में महंगी रेत बिक रही है। माफिया नदियों के नजदीक स्टॉक की अनुमति ले रखे हैं। यहां अवैध उत्खनन के बाद रेत को डम्प कर वैध बना लिया जाता है, फिर यहीं से सप्लाई हो जाती है। वर्तमान में रेत डम्पर पर 13 हजार से 15 हजार रुपए वसूल रहे हैं। बारिश से पहले 8 हजार रुपए ले रहे थे।
इन जगह अवैध खनन
सिहोरा क्षेत्र में कुम्ही, सतधारा मढ़ा, परसवारा, खिरहनी, दुग्ध घटा घाट, सचुली, भंडारा, हरगढ़, गढ़चपा, निंगवानी, गोसलपुर खिन्नी, कैथरा, मंडला, लखनपुर, इंद्राना हिरन नदी घाटों पर रेत माफिया बेखौफ किश्ती से रेत निकाल रहे हैं।
यहां रेत का अवैध स्टॉक
रेत माफिया ने आलगोंडा, रिठौरी, खमरिया, परसेल, जुनवानी, कूड़ा कंजई, कैथरा, महरकटा सहित एक दर्जन से अधिक ठिकानों पर खेतों के किनारे और हिरन नदी के आजू-बाजू में रेत का स्टॉक कर रखा है। प्रशासन और पुलिस को इसकी जानकारी है, इसके बावजूद न तो अवैध स्टॉक को जब्त किया जाता है और न ही कोई कार्रवाई होती हैं।
रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन पर पूरी तरीके से रोक लगाई गई। सिहोरा-मझौली क्षेत्र के कई घाटों पर रेत के अवैध उत्खनन और कई जगहों पर स्टॉक की जानकारी मिली है। घाटों पर दबिश देकर अवैध उत्खनन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी
देवेंद्र पटले, माइनिंग इंस्पेक्टर, जबलपुर