जबलपुर

‘बारिश थमने के साथ ही हिरन नदी के घाटों से निकलने लगी रेत’

गोसलपुर, मझगवां और कुम्ही सतधारा में घाटों के किनारे लगे ढेर, मजदूरों से ठेके पर निकलवा रहे रेत

जबलपुरOct 31, 2019 / 07:18 pm

sudarshan ahirwa

Illegal sand mining in hiran river

जबलपुर. अंचल की जीवनरेखा कही जाने वाली हिरन नदी में बारिश थमने के साथ ही एक दर्जन से अधिक घाटों में रेत का अवैध उत्खनन जारी है। घाटों से लगातार अवैध खनन कर सैकड़ों ट्रॉली रेत निकालने का काम माफिया ने फिर शुरू कर दिया है। बारिश के चलते रेत के उत्खनन में लगाम लगी थी, लेकिन मौसम के खुलते ही फिर रेत का अवैध उत्खनन शुरू हो गया है, जिसका प्रमाण घाट के किनारे लगे रेत के ढेर हैं।

प्रशासन और खनिज विभाग की अनदेखी से अवैध उत्खननकर्ता रेत निकाल रहे हैं। रेत के अवैध उत्खनन का कारोबार तहसील के हरगढ़, मढ़ा, भाटादौन, कुम्ही, सतधारा, देवरी, लमतरा, खिरहनी, महगंवा और मझौली तहसील के कूड़ा-कंजई, मड़ला, बघेली, मुरैठ, देवरी सहजपुरा में चल रहा है। कई घाटों का मजदूरों को ठेका दिया गया है। दिन-रात मजदूर रेत निकलकर घाट पर ढेर लगाते हैं, फिर माफिया वाहनों से इसकी ढुलाई कराकर सप्लाई करते हैं। प्रशासन भी कार्रवाई कर जब्ती तो बनाता है, लेकिन सिर्फ छोटे माफिया ही इनके शिकंजे में आते हैं। बड़े माफियाओं को खुली छूट है।

20 घाटों से निकल रही रेत
हिरन नदी के किनारे कुम्ही, देवरी, लमतरा, सचुली, खिरहनी, कुकर्रा, महगवां, मढ़ा गांव बसे हैं, जिसमें मजदूर रेत निकालकर ढेर लगा रहे हैं, वहीं दुबघटा घाट, लोकल बोट घाट, राजघाट, पंजहा घाट, कुमरहाई घाट, सचुली घाट, खिरहनी घाट, महगवां घाट सहित करीब 20 घाटों से रेत निकाली जा रही है, लेकिन माइनिंग विभाग कार्रवाई नहीं कर रहा है।

हिरन नदी से अवैध रूप से रेत निकालने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। कई जगहों से रेत के अवैध उत्खनन की शिकायतें मिली हैं, वहां अमले के साथ दबिश दी जाएगी।
देवेन्द्र पटेल, माइनिंग इंस्पेक्टर, जबलपुर

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