प्रशासन और खनिज विभाग की अनदेखी से अवैध उत्खननकर्ता रेत निकाल रहे हैं। रेत के अवैध उत्खनन का कारोबार तहसील के हरगढ़, मढ़ा, भाटादौन, कुम्ही, सतधारा, देवरी, लमतरा, खिरहनी, महगंवा और मझौली तहसील के कूड़ा-कंजई, मड़ला, बघेली, मुरैठ, देवरी सहजपुरा में चल रहा है। कई घाटों का मजदूरों को ठेका दिया गया है। दिन-रात मजदूर रेत निकलकर घाट पर ढेर लगाते हैं, फिर माफिया वाहनों से इसकी ढुलाई कराकर सप्लाई करते हैं। प्रशासन भी कार्रवाई कर जब्ती तो बनाता है, लेकिन सिर्फ छोटे माफिया ही इनके शिकंजे में आते हैं। बड़े माफियाओं को खुली छूट है।
20 घाटों से निकल रही रेत
हिरन नदी के किनारे कुम्ही, देवरी, लमतरा, सचुली, खिरहनी, कुकर्रा, महगवां, मढ़ा गांव बसे हैं, जिसमें मजदूर रेत निकालकर ढेर लगा रहे हैं, वहीं दुबघटा घाट, लोकल बोट घाट, राजघाट, पंजहा घाट, कुमरहाई घाट, सचुली घाट, खिरहनी घाट, महगवां घाट सहित करीब 20 घाटों से रेत निकाली जा रही है, लेकिन माइनिंग विभाग कार्रवाई नहीं कर रहा है।
हिरन नदी से अवैध रूप से रेत निकालने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। कई जगहों से रेत के अवैध उत्खनन की शिकायतें मिली हैं, वहां अमले के साथ दबिश दी जाएगी।
देवेन्द्र पटेल, माइनिंग इंस्पेक्टर, जबलपुर