कर एवं पेनल्टी के निपटारा सम्बंधी प्रकरण कई वर्षों से अदालत व आयकर विभाग के अपीलीय अधिकारियों के पास लम्बित हैं। ऐसे में दोनों पक्षों की मुसीबत बनी रहती है। कर या पेनल्टी, उसकी राशि भी सरकारी खजाना में जमा नहीं हो रही। आयकर विभाग और करदाताओं के बीच कई बार कर को लेकर विवाद रहता है। कर चोरी के प्रकरण में करदाताओं पर छापे की कार्रवाई की गई और उसमें टैक्स सहित पेनल्टी भी लगाई जाती है। लेकिन, करदाता इससे असहमति दिखाकर या तो प्रकरण को विभाग की अपीलीय अथॉरिटी के पास ले जाता है या फिर न्यायालय में प्रकरण ले जाए जाते हैं। कई प्रकरणों में विभाग भी विवादास्पद प्रकरणों को अदालत तक ले जाता है। लेकिन, इसका नुकसान करदाता के साथ ही विभाग को भी उठाना पड़ता है। क्योंकि, इसमें कर बीच में फंसा रहता है।
यह है स्थिति
-18 जिले प्रधान आयकर आयुक्त कार्यालय के तहत।
– 07 लाख 53 हजार से ज्यादा करदाता।
– 46 सौ करोड़ से ज्यादा का कर वसूली लक्ष्य।
-500 से ज्यादा प्रकरणों में अपील हर साल।
जुर्माना और कानूनी लड़ाई में छूट
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड विवाद से विश्वास योजना लाने वाला है। यह लम्बित प्रकरणों के लिए है। अलग-अलग प्रकरणों के लिए कई प्रकार के प्रावधान किए गए हैं। आयकर विभाग के सूत्रों ने बताया कि कुछ प्रकरणों में मूल कर की 50 फीसदी राशि जमा करने पर प्रकरण का निपटारा होगा। कुछ प्रकरणों में मूल टैक्स की 100 फीसदी राशि चुकानी पडेग़ी। इसमें ब्याज और पेनल्टी की छूट मिलेगी। पेनल्टी के प्रकरणों में 25 प्रतिशत राशि चुकानी पडेग़ी। इसमें वह करदाता भी शामिल होंगे, जिनके यहां छापे की कार्रवाई भी हुई है।
बनाए जाएंगे नोडल अधिकारी
लम्बित प्रकरणों के निपटारे के लिए जल्द ही नोडल अधिकारी नियुक्ति होगी। सूत्रों ने बताया कि जबलपुर रीजन के करीब 18 जिलों पर एक अधिकारी होगा। उसी के पास 31 जनवरी तक लंबित प्रकरणों के निपटारा के लिए आवेदन जमा होंगे। उनकी स्क्रूटनी होगी। फिर सर्टिफिकेट मिलेगा। बताया जाता है कि प्रकरणों का समाधान होने पर 31 मार्च तक टैक्स या पेनल्टी जमा करनी होगी। लेकिन, अप्रैल में यह बढ़ जाएगी।