अभी आवास ऋण (होम ऋण) के ब्याज के री-पेमेंट पर धारा 24 (बी) के तहत साल में दो लाख रुपए छूट मिलती थी। केंद्र सरकार ने इसमें डेढ़ लाख रुपए और बढ़ा दिए हैं। कुल छूट साढ़े तीन लाख रुपए हो गई है। आप इनकम टैक्स रिटर्न जमा करते समय होम लोन पर ब्याज के री-पेमेंट पर साढ़े तीन लाख रुपए का दावा कर सकते हैं। इस बीच यदि आपकी सालाना आय 10 से 11 लाख रुपए है और 45 लाख रुपए का होम लोन लिया है, तो साढ़े तीन लाख रुपए की छूट मिल जाएगी। इसके अलावा एलआइसी में धारा 80 सी की छूट करीब 1.50 लाख, मेडिक्लेम, नेशनल पेंशन स्कीम में निवेश, बच्चों की फीस व अन्य योजनाओं से आयकर छूट के लिए आय को पांच लाख रुपए तक लाया जा सकता है।
80 फीसदी प्रोजेक्ट दायरे में- शहर में रियल एस्टेट के लगभग 80 प्रतिशत प्रोजेक्ट बजट के नए प्रावधानों के अंतर्गत आते हैं। ऐसे में नया प्रावधान उनके लिए भी फायदेमंद साबित हो सकता है।
लोन चुकने तक मिलेगा फायदा
सीए अनिल अग्रवाल के अनुसार केंद्र सरकार के नए प्रावधान के तहत सेक्शन 24 बी में मिलने वाला डिडक्शन दो लाख रुपए तक वैसा ही रहेगा। धारा 80 सी के तहत डिडक्शन भी 1.50 लाख रुपए रहेगा। नए सेक्शन 80 इइए के तहत 1.50 लाख रुपए अतिरिक्त टैक्स की छूट मिलेगी। यदि कोई व्यक्ति पहली बार घर खरीद रहा है तो उसे सेक्शन 80 इइ के तहत 50 हजार अतिरिक्त टैक्स डिडक्शन मिलेगा। इसके लिए लोन की राशि 35 लाख, मकान की कीमत 50 लाख रुपए होनी चाहिए।
इन उपायों से बचा सकते हैं टैक्स
शेयर और इक्विटी म्यूचुअल फंड
बैंक में बचत खाते पर ब्याज
एफडी एकाउंट का ब्याज
पार्टनरशिप फर्म में मिला लाभ
जीवन बीमा या मैच्योरिटी की राशि
स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति पर मिली रकम
कृषि से होने वाली आय
आयकर के सेक्शन 80 सी
(नोट : छूट के लिए नियम और आय अलग-अलग है।)