आय कम, करदाता ज्यादा
करदाता-आयकर आयुक्तालय में करदाताओं की संख्या में बढोत्तरी हुई। इसके अंतर्गत 18 जिले आते हैं। विभाग के मुताबिक जहां वित्तीय वर्ष 2016-17 में 31 मार्च 2017 की स्थिति में करदाता करीब 3 लाख 62 हजार 700 थे, तो 2017-18 में इनकी संख्या 4 लाख 68 हजार 300 से ज्यादा हो गई। यानि एक लाख पांच हजार छह सौ से अधिक करदाता केवल एक साल में बढ़े।
करदाता-आयकर आयुक्तालय में करदाताओं की संख्या में बढोत्तरी हुई। इसके अंतर्गत 18 जिले आते हैं। विभाग के मुताबिक जहां वित्तीय वर्ष 2016-17 में 31 मार्च 2017 की स्थिति में करदाता करीब 3 लाख 62 हजार 700 थे, तो 2017-18 में इनकी संख्या 4 लाख 68 हजार 300 से ज्यादा हो गई। यानि एक लाख पांच हजार छह सौ से अधिक करदाता केवल एक साल में बढ़े।
आयकर
आयकर के मामले में हालांकि घटबढ़ हुई। आयुक्तालय के वर्ष 2016-17 के आयकर की बात की जाए, तो वह लगभग दो हजार सौ सौ करोड़ था। लेकिन, वर्ष 2017-18 में यह कम होकर एक हजार 970 करोड़ के पास पहुंच गया। सूत्रों ने बताया कि वर्ष 2016 में नोटबंदी के दौरान काफी धन जमा हुआ। इसका सीधा असर आयकर पर हुआ। इसी तरह एक बड़े उपक्रम से भी समय पर आयकर दिया गया था। लेकिन, बीते वित्तीय वर्ष में ऐसी स्थिति नहीं थी।
आयकर के मामले में हालांकि घटबढ़ हुई। आयुक्तालय के वर्ष 2016-17 के आयकर की बात की जाए, तो वह लगभग दो हजार सौ सौ करोड़ था। लेकिन, वर्ष 2017-18 में यह कम होकर एक हजार 970 करोड़ के पास पहुंच गया। सूत्रों ने बताया कि वर्ष 2016 में नोटबंदी के दौरान काफी धन जमा हुआ। इसका सीधा असर आयकर पर हुआ। इसी तरह एक बड़े उपक्रम से भी समय पर आयकर दिया गया था। लेकिन, बीते वित्तीय वर्ष में ऐसी स्थिति नहीं थी।
जीएसटी में दोनों चीजें बढ़ी
करदाता- एक जुलाई को पूरे देश में नई कर व्यवस्था लागू कर दी गई। सेंट्रल एक्साइज एवं सर्विस टैक्स आयुक्तालय जीएसटी आयुक्तालय में तब्दील हो गया। अब इसके अंतर्गत 19 जिले हैं। जीएसटी से पहले की बात की जाए, तो करदाता करीब 11 हजार थी। लेकिन, जीएसटी के दायरे में काफी कारोबारी एवं उद्योगपति आए। नए रजिस्टे्रशन भी हुए। वर्तमान में करदाताओं की संख्या लगभग 37 हजार है।
करदाता- एक जुलाई को पूरे देश में नई कर व्यवस्था लागू कर दी गई। सेंट्रल एक्साइज एवं सर्विस टैक्स आयुक्तालय जीएसटी आयुक्तालय में तब्दील हो गया। अब इसके अंतर्गत 19 जिले हैं। जीएसटी से पहले की बात की जाए, तो करदाता करीब 11 हजार थी। लेकिन, जीएसटी के दायरे में काफी कारोबारी एवं उद्योगपति आए। नए रजिस्टे्रशन भी हुए। वर्तमान में करदाताओं की संख्या लगभग 37 हजार है।
जीएसटी
कर के रूप में राजस्व की बात की जाए तो उसमें करीब दो हजार करोड़ का इजाफा हुआ। विभाग के मुताबिक वर्ष 2016-17 में टैक्स 6 हजार 151 करोड़ था। इस साल दोनों कर सेन्ट्रल एक्साइज और सर्विस टैक्स क अलावा जीएसटी भी शामिल था। जुलाई 17 से जीएसटी लागू हुआ था। वर्ष 2017-18 की बात की जाए तो वह आठ हजार 333 करोड़ से ज्यादा का हुआ। वहीं अप्रैल 2018 और मई 2018 में यह क्रमश: 673 और 755 करोड़ है।
कर के रूप में राजस्व की बात की जाए तो उसमें करीब दो हजार करोड़ का इजाफा हुआ। विभाग के मुताबिक वर्ष 2016-17 में टैक्स 6 हजार 151 करोड़ था। इस साल दोनों कर सेन्ट्रल एक्साइज और सर्विस टैक्स क अलावा जीएसटी भी शामिल था। जुलाई 17 से जीएसटी लागू हुआ था। वर्ष 2017-18 की बात की जाए तो वह आठ हजार 333 करोड़ से ज्यादा का हुआ। वहीं अप्रैल 2018 और मई 2018 में यह क्रमश: 673 और 755 करोड़ है।