दुकानों के साथ कालाबाजारी भी
दुकानों के साथ-साथ जिले में शराब माफिया भी सक्रिय हैं। वे शराब को घर तक पहुंचाने का काम करते हैं। ऐसे में कई बार इसका आंकड़ा सामने नहीं आता है। यहां तक कि वे शासकीय दुकान की बिक्री तक प्रभावित करते है। इस प्रवृत्ति पर अभी तक आबकारी विभाग रोक नहीं लगा सका है।

इस तरह हो रही शराब की खपत
फरवरी--2022
खपत- 832269
आय- 599725682
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मार्च 2022
खपत- 860213
आय- 797404170
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अप्रैल 2022
खपत-1601886
आय- 641865673
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फरवरी--2021
खपत- 757233
आय- 574133596
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मार्च 2021
खपत- 989830
आय- 702725051
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अप्रैल 2021
खपत-429255
आय- 372493656
नोट::खपत प्रूफ लीटर में।
वर्जन.......
शराब की खपत में वृदि्ध हुई है। कंपोजिट दुकान होने का इस पर असर है। साथ ही अभी शादियों का सीजन चल रहा है। ऐसे में मांग बढ़ती है। वहीं गर्मियों में बीयर की खपत भी दोगुनी हो जाती है।
रविंद्र मानिकपुरी, सहायक आयुक्त आबकारी

शहर की कुछ शराब दुकानों में ग्राहकों को एमआरपी से ज्यादा कीमत पर शराब की बिक्री की जा रही है। ग्राहकों की कायत पर मंगलवार को आबकारी विभाग ने दुकानों की जांच की। सहायक आयुक्त रविंद्र मानिकपुरी ने भी दुकानों में जाकर खरीदी और बिक्री रजिस्टर की जांच की। वे सदर और गोरखपुर गए। इस दौरान अनियमितता पाई गई। उन्होंने लाइसेंसी को नोटिस देकर जवाब देने के लिए के निर्देश जारी किए हैं।