एलपीआर खमरिया में धनुष और शारंग तोप से 16 राउंड हुई फायरिंग: 15 किमी दूर तक थर्राया इलाका
तीसरा ओडिसा के बालासोर में है, लेकिन उसकी दूरी अधिक है। उनका कहना था कि रेंज को वल्र्ड क्लास बनाया जा रहा है। रक्षा मंत्रालय से आए महानिदेशक का कहना था कि शारंग और धनुष तोप का परीक्षण देखा। दोनों की टेस्टिंग सफल रही। इसी प्रकार सभी को एकत्रित कर कंपलीट सिस्टम को देखा गया। उन्होंने कहा कि इस काम में एसक्यूएई (ए) एंड एलपीआर खमरिया के कमांडेंट ब्रिगेडियर निश्चय राउत का बड़ा योगदान रहा। फायरिंग के दौरान सीक्यूएडब्ल्यू के कंट्रोलर ब्रिगेडियर आईएम सिंह, एसक्यूएई के डिप्टी कमांडेंट कर्नल एसआर बर्बे, क्यूएओ (पू्रफ) लेफ्टि. कर्नल गिरीश चौधरी, क्यूएओ (इक्यिुपमेंट) लेफ्टि. कर्नल सोमवीर, एलपीआर के प्रशासनिक प्रमुख किशोर कुमार योगी एवं एसक्यूएई एंड एलपीआर के प्रशासनिक अधिकारी डीडी मिश्रा, सैनिक और एलपीआर के कर्मचारी मौजूद रहे।
ड्रोन कैमरे से फायरिंग पर नजर
एलपीआर में हुई फायरिंग की पहली बार ड्रोन कैमरे से रिकॉर्डिंग की गई। ड्रोन में लगे उच्च गुणवत्ता वाले कैमरे से गोला को लोड करने से लेकर ट्रिगर दबाने तक की गतिविधियों को कैद किया गया। इसी प्रकार डिजीटल कैमरे भी तोप के पास रखे गए जिससे कि तोप की सारी हलचल को रिकॉर्ड किया
जा सके।
पहले शारंग, आखिर में धनुष से दनादन फायरिंग
एलपीआर में तोप की क्षमताओं के परीक्षण की शुरुआत 40 किमी की दूरी तक मार करने वाली 155 एमएम 45 कैलीबर धनुष तोप से की गई। खास आकर्षण धनुष तोप रही। इससे पहले इस तोप का परीक्षण राजस्थान के पोकरण, ओडिसा के बालासोर, इटारसी और लद्दाख में किया गया था। इसलिए एलपीआर के कर्मचारियों में भी इसकी टेस्टिंग को लेकर बेहद उत्साह था। इसी प्रकार अधिकारी भी इस पल को परीक्षा की घड़ी मान रहे थे। शुक्रवार सुबह करीब 10.30 बजे फायरिंग शुरू हुई। शारंग तोप की बैरल को पहले शून्य, 15, 45 और पुन: 0 डिग्री पर लाकर गोला दागा गया। एक के बाद एक चार राउंड फायर किए। इसके लिए उस पिट का इस्तेमाल किया गया जिसमें 21 जनवरी को गोला दागा गया था।
दूसरी तरफ कंपलीट धनुष तोप और शारंग तथा धनुष के बैरल के लिए अलग पिट का इस्तेमाल किया गया। दो बैरल और बीच में धनुष तोप रखा गया। इसके बाद शारंग के बैरल और 155 एमएम 45 कैलीबर धनुष तोप के बैरल से 8-8 राउंड दागे गए। आखिर में कंपलीट धनुष तोप से चार अलग-अलग डिग्री पर एक के बाद चार राउंड गोला दागा गया। इसकी गूंज न केवल आसपास बल्कि एलपीआर से 10 से 15 किमी की दूरी तक सुनाई दी।