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india war preparation 2019: मप्र में गोले बरसाएगी सेना की तोप, दिखेगा युद्ध भूमि का नजारा

locationजबलपुरPublished: Sep 10, 2019 01:53:05 pm

Submitted by:

Lalit kostha

एलपीआर में टेस्टिंग की तैयारियां, जीसीएफ और एलपीआर प्रबंधन के बीच हो रही चर्चा
 

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india war preparation 2019: मप्र में गोले बरसाएगी सेना की तोप, दिखेगा युद्ध भूमि का नजारा

जबलपुर/ शारंग तोप की टेस्टिंग लॉन्ग पू्रफ रेंज (एलपीआर) खमरिया में हो सकती है। यह पहला मौका जब इतनी बड़ी गन का परीक्षण यहां होगा। 130 एमएम गन को शारंग गन के रूप में नया रूप देने वाली गन कैरिज फैक्ट्री (जीसीएफ) प्रबंधन और एलपीआर प्रशासन के बीच इस विषय में चर्चा चल रही है। रेंज में नए फायरिंग पिट का निर्माण का काम भी अंतिम चरण में है। ऐसे में प्रूफ रेंज नई गन के लिए उपयोगी हो सकती है।

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27 से 35 किमी की दूरी तक निशाना साधने वाली शारंग तोप को कानपुर आयुध निर्माणी और गन कैरिज फैक्ट्री (जीसीएफ) ने मिलकर तैयार किया है। यह रूस की सोल्टम गन की जगह लेगी। सेना के पास 300 से अधिक गन हैं। अब इन्हें मॉडिफाइड किया जा रहा है। इसमें अब 130 एमएम की जगह 155 एमएम कर बैरल लगाया गया है। इससे न केवल मारक क्षमता बढी है बल्कि पहले से सटीक निशाना लगाने में गन सक्षम हो गई है। इसका बैरल और कुछ दूसरे कलपुर्जे कानपुर आयुध निर्माणी से मंगाए गए हैं तो कुछ जीसीएफ में तैयार किए गए हैं।

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इटारसी और पोखरण में परीक्षण
सेना को गन सौंपने के पहले जीसीएफ से इसे परीक्षण के लिए भेजा जाएगा। सेना इसका परीक्षण करेगी। पहले इसकी टेस्टिंग की तैयारी इटारसी स्थित ताकू रेंज में की जा रही थी। लेकिन अभी एलपीआर भी इसके लिए तैयार हो रहा है। जीसीएफ के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एलपीआर प्रबंधन ने गन की टेस्टिंग के लिए सहमति दी है। इसको लेकर दोनों पक्षों के बीच बातचीत भी चल रही है। जीसीएफ में दो गन तैयार करने का काम अंतिम चरण में है। इसलिए जल्द ही इनकी टेस्टिंग होनी है। चालू वित्तीय वर्ष में करीब 30 शारंग तोप तैयार होना है। फिर उनकी टेस्टिंग के उपरांत सेना के बेड़े में शामिल किया जाएगा।

अभी इन गन की टेस्टिंग
एलपीआर में अभी 105 एमएम लाइट फील्ड गन, एल-70 एंटी एयरक्राफ्ट गन, 30 एमएम, 84 एमएम आदि की टेस्टिंग होती है।

155 एमएम के लिए टीम पहुंची
अभी इस पैमाने की बैरल की टेस्टिंग इटारसी या बालासोर में होती है। लेकिन एलपीआर प्रबंधन ने अपने उच्च विभाग को पत्र लिखकर यहां पर 155 एमएम की टेस्टिंग के लिए पत्र लिखा था। क्योंकि जीसीएफ में अभी धनुष तोप और शारंग तोप दोनों में 155 एमएम की बैरल लगी है। इनकी टेस्टिंग के लिए गन को इटारसी या बालासोर ले जाना पड़ता है। यह खर्चीला है। यही नहीं समय भी लगता है। एलपीआर प्रबंधन के पत्र के आधार पर एक टीम यहां का दौरा करने आई है। वह जल्द ही अपनी रिपोर्ट सेना को देगी। इसके लिए एलपीआर की मौजूदा 14 किमी की रेंज को बढ़ाने पर भी विचार चल रहा है।

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