ऐसे हुआ खुलासा
जानकार सूत्रों के अनुसार मुंबई से वाराणसी जाने वाली 11093 डाउन महानगरी एक्सप्रेस के जनरल कोच में तीन यात्री लगातार एक जैसी स्थिति में सो रहे थे। उनके शरीर में किसी भी तरह की गतिविधि नहीं होते देख, सहयात्रियों को संदेह हुआ। उन्होंने इसकी जानकारी रेलवे के हेल्पलाइन नंबर पर दी। सूचना के आधार पर जीआरपी की टीम तैनात हो गई। ट्रेन के जबलपुर पहुंचने पर टीम के सदस्य बोगी में पहुंचे। तीनों यात्रियों को हिलाया डुलाया लेकिन उनके शरीर में किसी तरह की हलचल नहीं हुई। संदेश पुख्ता होने पर उन्हें जबलपुर रेलवे स्टेशन पर उतार लिया गया। इसके बाद तीनों को विक्टोरिया अस्पताल के वार्ड क्रमांक – 6 में भर्ती कराया गया है।
यूपी के हैं यात्री
जीआरपी के अनुसार बेहोश मिले यात्रियों की पहचान आजमगढ़ जिले के हर्रई निवासी महेन्द्र, मुरादाबाद निवासी बैजू और वाराणसी, भदौही में रहने वाले अंकित के रुप में की गई है। बताया गया है कि तीनों मुंबई से गंतव्य तक जाने के लिए ट्रेन में सवार हुए थे। संभवत: तीनों अपने-अपने गांव या घर जा रहे थे।
बिस्किट में था जहर
जीआरपी के अनुसार कुछ प्रत्यक्षदर्शी यात्रियों ने बताया कि मुंबई से टे्रन कल्याण पहुंची, तभी दो युवक उनके पास आकर बैठ गए। गपशप का दौर चलता रहा। इसी दौरान बातों के जाल में फंसाकर दोनों युवकों ने तीनो यात्रियों को बिस्किट खिलाया। संभवत: उनके बिस्किट में जहरीली चीज थी। बिस्किट खाने के बाद तीनों यात्री सो गए। सभी ने सोचा कि वे सो रहे हैं। जब तीनों दूसरे दिन भी नहीं उठे तो सहयात्रियों को संदेह हुआ। उन्होंने रेलवे की हैल्पलाइन में जानकारी दी।
पूरा सामान गायब
जीआरपी के मुताबिक बोगी में तीनों यात्रियों का सामान नहीं मिला है। प्रारंभिक जांच में ये तथ्य सामने आए हैं कि बिस्किट खिलाने वाले दोनों युवक लुटेरे थे। महेन्द्र, बैजू और अंकित के बेहोश होते ही वे उनके बैग आदि लेकर रफूचक्कर हो गए। तीनों के बैगों में नकदी समेत अन्य कीमती सामान था। जीआरपी ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। तीनों यात्रियों की हालत खतरे से बाहर बतायी जा रही है। पुलिस ने मोबाइल नंबर के आधार पर उनके परिजनों को भी सूचित कर दिया है।