डिवाइस बताएगी गति की सीमा
टीसीएएस को पटरी पर लगाने के बाद यह चालक को संबंधित रेलखंड में अधिकतम गति सीमा को लेकर भी जानकारी देगा। रेलवे की ओर से अलग-अलग रेलखंड में ट्रेन के संचालन की गति पृथक-पृथक निर्धारित होती है। चालक के अपडेट रहने से वह बेहतर तालमेल के साथ ट्रेन को सुरक्षित तरीके से तेज गति के साथ दौड़ा सकेगा।
सुरक्षा और बढ़ाने के प्रयास
सीपीआरओ के अनुसार पमरे ने अगले पांच वर्षों के लिए आधुनिक सिग्रल, दूरसंचार में सिग्रलिंग के ट्रेन कोलिजन अवॉइडेंस सिस्टम, आूटोमेटिक ब्लॉक सिग्लिंग, सेंट्रलाइज्ड ट्रैफिक कंट्रोल एवं इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग और दूरसंचार में ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क, सीसीटीवी एवं लॉन्ग टर्म एवोल्यूशन प्रणाली की योजना को बढ़ावा देने की कार्ययोजना तेयार की है। इससे ट्रेन संचालन में सुरक्षा को और बेहतर बनाने की दिशा में कार्य किया जाएगा।
आपस में नहीं टकराएगी ट्रेन
जानकारों के अनुसार नए सिस्टम के लगने से ट्रेनों की आमने-सामने से टक्कर की आशंका कम हो जाती है। इसके जरिए विपरीत दिशा से आ रही ट्रेन के बारे में इंजन में सवार चालक को अलर्ट मिल जाता है। इंजन में लगे अन्य आधुनिक उपकरण चालक को दुर्घटना से बचाव के उपाय को लेकर संकेत देंगे। टक्कर से पहले ही ब्रेक लगने से हादसा टल जाएगा।