प्रशासन ने कहा प्याज के मूल्य पर नियंत्रण नहीं प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार प्याज आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत नहीं आने के चलते उसके दाम नियंत्रित नहीं किए जा सकते।
जबलपुर। महंगी प्याज ग्राहकों की परेशानी बढ़ा रही है। रविवार को भी इसके दाम 20 से 22 रुपए रहे। जिले में ही व्यापारियों के पास बड़ी मात्रा में स्टॉक होने के बाद भी इसकी कीमत बढ़ी हुई है। प्याज की आवक भी कम हो गई है। महाराष्ट्र की मंडियों में दाम 15 से 16 रुपए किलो हैं। वहीं प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार प्याज आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत नहीं आने के चलते उसके दाम नियंत्रित नहीं किए जा सकते।
कृषि उपज मंडी में थोक में अच्छी प्याज 18 से 20 रुपए किलो बेची जा रही है। इससे फुटकर बाजार में दामों का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। जबकि वर्तमान में श्रावण मास के चलते प्याज की मांग कम बताई जा रही है। ऐसे में सप्ताह भर बाद इसके दाम और भी बढऩे की आशंका है। सवाल उठ रहा है कि कुछ ही दिनों पूर्व व्यापारियों द्वारा 2-3 रुपए किलो में खरीदी गई प्याज कहां है।
वेयरहाउस में जमा है प्याज
सूत्रों ने बताया कि करीब आधा दर्जन बडे़ कारोबारियों ने एक माह पहले हजारों क्विंटल प्याज की खरीदी की थी। वह बेयर हाउस में है। ज्यादातर पाटन एवं शहपुरा क्षेत्र में है। एक अनुमान के मुताबिक आसपास के क्षेत्रों में व्यापारियों द्वारा 5 से 7 लाख बोरी प्याज खरीदी गई है।
ये है हकीकत
– सामान्य दिनों में मंडी में 15 से 18 गाड़ी प्याज की आवक।
– वर्तमान में 5 से 8 गाड़ी प्याज ही पहुंच रही है मंडी में।
– मप्र में हुई प्याज की फसल दूसरे प्रदेशों में पहुंची।
– महाराष्ट्र की मंडियों महंगी होने से आवक में आई कमी।
इनका कहना है
प्याज आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत नहीं आती। इसलिए मूल्य नियंत्रित नहीं किया जा सकता है। फिर भी कोई निर्देश मिलेंगे तो उस के अनुरूप कार्रवाई की जाएगी।
आनंद कोपरिया, अपर कलेक्टर