scriptleopard death: घायल तेंदुआ तीन दिन तक मौत से जूझा, सर्जरी के बाद मौत | Injured leopard battled to death for three days, died after surgery | Patrika News

leopard death: घायल तेंदुआ तीन दिन तक मौत से जूझा, सर्जरी के बाद मौत

locationजबलपुरPublished: Jan 17, 2020 12:19:15 pm

Submitted by:

deepankar roy

स्कूल ऑफ वाइल्ड लाइफ फोरेंसिक एंड हेल्थ में चल रहा था उपचार, शिकारियों के लगाए फं दे में फंसकर बुरी तरह से घायल हुआ था तेंदुआ, पीठ-पेट में मिले थे 10 इंच के गहरे घाव, रीढ़ की हड्डी और पसली में था फ्रेक्चर

leopard captured in fencing of army area, seriously injured

leopard captured in fencing of army area, seriously injured

जबलपुर. तिलहरी और ग्राम छिवला से लगे आर्मी सेंटर की फेंसिंग में शिकारियों के लगाए फं दे में फंसकर बुरी तरह से घायल हुआ तेंदुआ तीन दिन तक मौत से लडऩे के बाद आखिरकार हार गया। गम्भीर हालत में स्कूल ऑफ वाइल्ड लाइफ फोरेंसिंक एंड हेल्थ में भर्ती तेंदुआ की गुरुवार को सर्जरी की गई। सर्जरी के बाद वह दोबारा अपने पैरो पर खड़ा नहीं हो सका। उसकी रीड़ और पसलियों में घहरा घाव था। होश आने के बाद चंद मिनट तक ठीक रहने के बाद अचानक उसकी सांसे उखडऩे लगी। वेटरनरी डॉक्टरों की टीम ने वेंटीलेटर पर रखकर उपचार करने की कोशिश की। लेकिन तेंदुए की मौत हो गई। तेंदुए के शव को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में रखा गया है। शुक्रवार को सुबह 10 बजे पशु एवं वन्य प्राणी चिकित्सकों की टीम शव का पोस्टमार्टम करेगी।

मंगलवार को रेस्क्यू करके लाया गया था

आर्मी सेंटर के क्षेत्र में कुछ लोगों ने मंगलवार को सुबह 6 बजे के करीब तेंदुआ के फंदे में फंसे होने की जानकारी दी थी। इसके बाद रेस्क्यू करके तेंदुए को स्कूल ऑफ वाइल्ड लाइफ में लाया गया था। कटीले तारों और जाल में फंसने से तेंदुआ बुरी तरह घायल हो गया था। उसके पीठ और पेट में गहरे जख्म थे। तीन दिन से वेटरनरी सर्जन्स और विशेषज्ञ वन्य प्राणी चिकित्सकों की निगरानी में तेंदुआ का उपचार किया जा रहा था। इस नर तेंदुआ की उम्र ढाई से तीन वर्ष के बीच होने का अनुमान है।

चार घंटे तक चली सर्जरी

तेंदुए की गुरुवार को वेटरनरी कॉलेज में सर्जरी की गई। इसके लिए एनीस्थिसिया देने के बाद तेंदुआ का एक्स-रे और सोनोग्राफी किया गया। जांच में उसके पीठ में बायीं ओर करीब 8-10 इंच और दायी ओर छह इंच के गहरे घाव मिले। रिपोर्ट के आधार पर उसके गहरे घाव पर छह लेयर में टांके लगाए। वेटरनरी कॉलेज, कान्हा टाइगर रिजर्व तथा स्कूल ऑफ वाइल्ड लाइफ सेंटर के विशेषज्ञों की निगरानी में सुबह 9 से दोपहर 1 बजे तक सर्जरी की गई। सफलतापूर्वक सर्जरी के बाद रिकवरी के लिए तेंदुआ को पुन: स्कूल ऑफ वाइल्ड लाइफ सेंटर में लाया गया। इंटेंसिव केयर करते हुए दवाइयां दी गई। सर्जरी के करीब तीन घंटे बाद तेंदुआ को होश आया। उस समय स्थिति सामान्य थी। लेकिन कुछ देर में ही तेंदुआ की सांस की गति कम होने लगी। कृत्रिम सांस देकर सामान्य स्थिति में लाने का प्रयास किया। ये प्रयास असफल रहा।

शिकारियों को पकडऩे में विभाग नाकाम

आर्मी सेंटर में तेंदुआ को शिकारियों के फैलाएं जाल में फंसा था। इस बात की आशंका है कि शिकारियों को क्षेत्र में तेंदुआ का मूवमेंट की जानकारी थी। योजनाबद्ध तरीके से क्षेत्र में फंदा लगाया था। स्थानीय लोगों के अनुसार क्षेत्र में शिकारी लंबे समय से फंदा लगाते रहे हैं। लेकिन हैरानी वाली बात ये है कि वन विभाग और आर्मी सेंटर के जिम्मेदारों को इसकी भनक नहीं थी। तेंदुआ के फंदे में फंसने के बाद भी वन विभाग की टीम शिकारियों के बारे में पता तक नहीं लगा पायी है। तेंदुआ की मौत के बाद भी उस पर मौत का फंदा कसने वालों की वन विभाग को जानकारी नहीं है। वन मंडल अधिकारी रविंद्र मणि त्रिपाठी के अनुसार मामले की जांच कराई जा रही है।

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