2015 बैच के करीब 120 छात्र-छात्राओं का आरोप है कि कोविड वार्ड, पीएचसी, अस्पताल की कैजुअल्टी, ओपीडी, फीवर क्लीनिक में प्रशिक्षण ले रहे इन्टर्न संदिग्ध मरीज की जांच कर रहे हैं। इसके के बावजूद उन्हें एक डॉक्टर की तरह कोरोना से बचाव सम्बंधी सामग्री नहीं दी जा रही। रिमाइंडर देने और कोविड सर्वे से लेकर वार्ड में प्रशिक्षण के दौरान तैनात किए जाने के बावजूद स्टाइपेंड का चार माह से भुगतान नहीं किया गया है। सरकार की अनदेखी से वे आर्थिक तंगी और मानसिक तनाव में है। पॉजिटिव छात्राओं के सम्पर्क में आई अन्य छात्राओं की कोरोना जांच रिपोर्ट नहीं आने तक क्वारंटीन रखने की मांग कर रहे हैं।