जबलपुर शहर में नगर निगम शहर की जलापूर्ति व्यवस्था पर हर साल करोड़ों खर्च होते हैं। लेकिन, जल शोधन संयंत्रों से लेकर पाइप लाइन के लीकेज व अन्य कारणों से रोजाना हजारों गैलन पानी व्यर्थ बह जा रहा है। जिन घरों में पानी पहुंचता भी है, उसके शुद्ध होने की गारंटी नहीं रहती। उधर, जिम्मेदार दावा कर रहे हैं कि जलापूर्ति बेहतर ढंग से हो और प्लांट से लेकर पाइप लाइन के माध्यम से आपूर्ति के दौरान पानी के नुकसान के कमी लाई जा सके, इसके लिए आवश्यक कदम उठाएंगे।
एक अच्छी पहल
जबलपुर शहर की पहाड़ी से होकर बह जाने वाला वर्षा जल अब भू गर्भ में पहुंचाया जाएगा। यहां के चौहानी मुक्तिधाम के समीप वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम विकसित करने के लिए अच्छी पहल की गई है। नगर निगम की ओर से स्मार्ट सिटी योजना के तहत स्थापित किए जा रहे वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए बोरिंग खनन भी किया गया है। ताकि, पानी को जमीन में गहराई तक पहुंचाया जा सके। इस क्षेत्र में भू जल स्तर बेहतर होने पर आसपास रोंपे गए पौधों का भी बेहतर विकास हो सकेगा।
बारिश का पानी पहाडिय़ों से होकर जमीन में पहुंचाया जा सके इसके लिए गोंडवाना साम्राज्य के दौरान पहाडिय़ों के समीप तालाब बनाए गए थे। इनमें देवताल, कोल्हा ताल, सूपाताल, गोकलपुर तालाब शामिल हैं। इसी दिशा में मौजूदा आवश्यकता के अनुसार चौहानी मुक्तिधाम क्षेत्र में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम विकसित किया जा रहा है।