अब ये 60 किमी
गोंदिया-बालाघाट-जबलपुर रेल खंड में 209 किमी का कार्य पूरा कर लिया गया है। जबलपुर से नैनपुर और गोंदिया-बालाघाट-समनापुर तक ट्रेन दौड़ाए जाने के बाद अब सिर्फ बालाघाट-नैनपुर के बीच कार्य शेष रह गया है। इस ट्रैक की लंबाई करीब 60 किमी है। जिसका निर्माण कार्य दक्षिण पूर्व मध्य रेल कर रहा है। रेल राज्य मंत्री के अनुसार शेष कार्य जनवरी 2019 तक आवश्यक रुप से पूरा कर लिया जाएगा। लेकिन इस ट्रैक पर ब्रॉडगेज कार्य की बेहद धीमी रफ्तार के कारण परियोजना के अगले वर्ष जनवरी तक पूर्ण होने को लेकर संशय बना हुआ है।
चारों दिशा में दौड़ेगी ट्रेन
नैनपुर रेलवे स्टेशन को पहले नैरोगेज के एशिया के सबसे बड़े जंक्शन दर्जा प्राप्त था। इस स्टेशन से चारों दिशाओं पर ट्रेन दौड़ती थी। अमान परिवर्तन के बाद फिलहाल दो दिशाओं में ही ट्रेन दौड़ रही है। रेल राज्य मंत्री के अनुसार जनवरी 2019 तक मप्र में 261 किमी और महाराष्ट्र राज्य की 34 किमी का रेल खंड को जोड़ दिया जाएगा। इसी तरह छिंदवाड़ा-नैनपुर-मंडला फोर्ट करीब 182 किमी का रेल खंड 1322 करोड़ की लागत से स्वीकृत हुआ था, जिसमें कनेक्टिविटी कर दी गई है। नैनपुर-चिरईडोंगरी के बाद मंडला और फिर सिवनी-छिंदवाड़ा तक ब्रॉडगेज का काम पूरा होते ही ये रेलवे स्टेशन चारों दिशाओं में स्थित बड़े शहरों जबलपुर, नागपुर, गोंदिया और मंडला से पुन: जुड़ जाएगा।
256 किमी पास आ जाएगा साउथ
गोंदिया-बालाघाट-जबलपुर रेल खंड जबलपुर से जुड़ जाने के बाद जबलपुर से बल्लारशाह के बीच करीब 256 किमी की दूरी कम हो जाएगी। इससे करीब 5 से 6 घंटे का समय बचेगा। इस रुट से होकर उत्तर भारत से दक्षिण भारत की आवाजाही बेहद आसान हो जाएगी। उन्होंने कहा कि भारतीय रेल में निवेश कम होने के कारण जनता की मांग के अनुरुप और समय से ट्रेनों का संचालन करने में काफी रेलवे को काफी असुविधा हो रही है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष रेल बजट में मप्र में 5376 करोड़ रुपए की रेल परियोजनाएं स्वीकृत की गई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में अनेक रेल परियोजनाओं को स्वीकृति मिली है। अमान परिवर्तन का कार्य अधिक हुआ है।