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ओवरनाइट एक्सप्रेस में डकैती से ट्रेनों की सुरक्षा पर सवाल
यात्रियों की सुरक्षा की एक बार फिर खुली पोल
पेट्रोलिंग दस्ता नदारद, लुटेरों के हवाले हो गईं ट्रेनें
बिना सुरक्षा दौड़ रहीं टे्रनें
जीआरपी जबलपुर सिर्फ 9 टे्रनों में पेट्रोलिंग कर रही है। जबलपुर रेंज की बात करें तो जीआरपी के दस थाना व चौकी का अमला केवल 36 दर्जन टे्रनों में ही पेट्रोलिंग कर रहा है। आरपीएफ भी गिनती की गाडिय़ों में स्कॉटिंग कर रही। जबलपुर से चलने व गुजरने वाली आधी से ज्यादा टे्रनें बिना सुरक्षा के दौड़ रही हैं। पिछले पांच साल का रेकार्ड बताता है कि जीआरपी-आरपीएफ के पेट्रोलिंग दस्ते ने एक भी बड़ी वारदात को असफल करने अथवा लुटेरों को मौके पर ही दबोचने में सफलता नहीं पाई है।
स्टेशन बने लुटेरों के अड्डे
जबलपुर-इटारसी, जबलपुर-कटनी, कटनी-सतना-मानिकपुर, कटनी-शहडोल, कटनी-बीना के बीच कई स्टेशन बदमाशों के अड्डे बन गए हैं। मदनमहल, पिपरिया, गाडरवारा, बागरातवा, इटारसी, सिहोरा, कटनी साउथ, एनकेजे, उमरिया, पटवारा, झुकेही, मैहर, सतना, मानिकपुर, शंकरगढ़ स्टेशन को बदमाशों ने अपना प्वॉइंट बना लिया है। सुनियोजित तरीके से इनके द्वारा रोजाना वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है।
7 मिनट में लूट
ओवरनाइट एक्सप्रेस को पांच से सात मिनट में लूट लिया गया। मौके से टे्रन चलने के बाद यात्रियों ने दर्जनों बार पुलिस, जीआरपी, रेलवे हेल्पलाइन नंबर को सूचना दी, लेकिन टे्रन के जबलपुर पहुंचने पर ही कुछ हो पाने की बातें की जाती रहीं। यात्री श्रीधाम में टे्रन रोकने की मांग भी करते रहे, लेकिन दो घंटे बाद टे्रन जबलपुर पहुंची तो टे्रन अटैण्ड की गई। यदि तत्काल हरकत में आ जाते तो नरसिंहपुर पुलिस की मदद से जीआरपी-आरपीएफ बदमाशों को दबोच सकती थी।
डकैती को लूट बना दिया
जीआरपी 4 लोगों को टे्रन में वारदात की योजना बनाते पकड़ती है, तो उन्हें डकैती की योजना बनाते पकड़े जाने की बात कर अपनी पीठ खुद ही थपथपाती है। इधर, ओवरनाइट एक्सप्रेस में करीब 24 बदमाशों ने मिलकर घटना को अंजाम दिया। पांच कोचों में सवार हुए, जबकि शेष नीचे मौजूद रहे। यात्रियों द्वारा यह जानकारी दिए जाने के बावजूद जीआरपी ने डकैती का प्रकरण दर्ज किए बगैर लूट का मामला कायम किया है।
कई यात्री हुए शिकार
ओवरनाइट एक्सप्रेस में चार महिला यात्रियों से लूट की बात जीआरपी कर रही है, लेकिन टे्रन में मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कई यात्रियों से लूटपाट की गई है। लूट का शिकार हुई रेनू सैनी के पति सुभाष सैनी ने बताया कि चार-पांच कोचों में यात्रियों को लूटा गया है। स्लीपर कोचों में सवार महिला यात्रियों से भी लूट हुई है।
12 घंटे बाद भी मोबाइल चालू, ट्रेस नहीं कर पाए
एडीजे आरती शुक्ला का लूटा मोबाइल घटना के 12 घंटे बाद भी चालू था, लेकिन दो जिलों की पुलिस व जीआरपी उसकी लोकेशन ट्रेस नहीं कर पाईं। मोबाइल पर सोमवार की शाम तक घंटी बजती रही। एसआरपी विनीत जैन का कहना था कि मोबाइल की लोकेशन नरसिंहपुर में ही आ रही है। उसका पता लगाया जा रहा है। संभवत: मोबाइल बदमाशों से गिर गया होगा।
बदमाश के सामने डटी रहीं महिला एडीजे
हथियार से लैस बदमाश महिला एडीजे क्लास-2 आरती शुक्ला का लेडिज पर्स लूटने की कोशिश करता रहा, लेकिन उन्होंने अपना पर्स आसानी से छोड़ा नहीं। बदमाश पर्स छीनने के प्रयास में उसे खींचता रहा। पर्स के साथ महिला एडीजे भी दरवाजे की ओर बढ़ती रहीं। बदमाश ने चाकू निकाल लिया। ऊपरी बर्थ पर उनके पति एडीजे अंबुज पाण्डे भी सो रहे थे। इसी दौरान बदमाश पर्स छीनकर कोच के नीचे कूद गया। एडीजे अंबुज पाण्डे उसके पीछे गेट तक पहुंचे तो नीचे मौजूद बदमाश पथराव करने लगे।
ये सेक्शन खतरनाक
– इटारसी-बागरातवा
– बागरातवा-पिपरिया
– गाडरवारा- नरसिंहपुर
– नरसिंहपुर-जबलपुर
– जबलपुर-सिहोरा
– डुंडी- कटनी साउथ
– कटनी-मैहर ठ्ठ कटनी-बीना
– कटनी-उमरिया ठ्ठ पटवारा-मैहर
– सतना-मानिकपुर