सबसे बड़ी बात यह है कि किसी भी इंडस्ट्रीयल एरिया या नजदीक कोई फायर स्टेशन नहीं है। जब कभी आगजनी की घटनाएं होती हैं तो दमकल वाहन को पहुंचने में एक से डेढ़ घंटा लग जाता है। ऐसे में कुछ नहीं बचता है। किसी भी औद्योगिक क्षेत्र को ले लीजिए। कहीं पर भी फायर स्टेशन नहीं हैं। इसलिए आग बुझाने में देरी हो जाती है। उद्योगपति कई बार अलग-अलग मंचों पर इसकी मांग उठा चुके हैं लेकिन यह सुविधा उन्हें आज तक नहीं मिल पाई है। नगर निगम भी इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाता है।
कहां क्या स्थिति
उमरिया-डुंगरिया औद्योगिक क्षेत्र- शहर से करीब 35 किलो मीटर दूर इस इंडस्ट्रीयल एरिया में 50 से अधिक छोटी एवं बड़ी इकाइयां संचालित हैं। आसपास कोई फायर स्टेशन नहीं है जिससे कि समय पर इसे रोका जा सके। अभी चरगवां के पास फायर स्टेशन की चर्चा चल ही है, लेकिन वह भी वहां से 25 किमी की दूरी पर है।
रिछाई-अधारताल औद्योगिक क्षेत्र- इन दोनों औद्योगिक क्षेत्रों में तकरीबन 400 इकाइयों का संचालन होता है। यदि किसी फैक्ट्री में आग लग जाए तो नगर निगम तीन पत्ती चौराहा से ही दमकल पहुंचते हैं। इन्हें पहुंचने में भी आधे घंटे से ज्यादा का समय लग जाता है। आयुध निर्माणियां नजदीक हैं लेकिन पहले निगम के अमले की मदद ली जाती है।
मनेरी औद्योगिक क्षेत्र- शहर से करीब 40 किमी दूरी पर िस्थत इस औद्योगिक क्षेत्र में भी 80 से अधिक इकाइयां लगी हैं। इनमें कुछ बड़े उद्योग भी शामिल हैं। यहां भी फायर स्टेशन नहीं है। दमकल बरेला में खडे़ हाेते हैं लेकिन यह भी मनेरी से करीब 20 किमी की दूरी पर है। ऐसे में यहां भी आग बुझाने के काम में देरी हो जाती है।

क्या कहते हैँ
उद्योगपति उद्योगों में जो काम होते हैं, उसमें आग लगने की आशंका बनी रहती है। हम शासन से कई बार मांग कर चुके हैं कि आसपास कोई फायर स्टेशन स्थापित करवा दिया जाए लेकिन इसे अनसुना किया जा रहा है।
एम के मिश्रा, अध्यक्ष उमरिया-डुंगरिया औद्योगिक क्षेत्र
यहां कई उद्योगपति करोड़ों का नुकसान सिर्फ आग से झेल चुके हैं। जब उद्योग विभाग को पत्र लिखो तो कहा जाता है कि फायर स्टेशन मूलभूत सुविधाओं में शामिल नहीं हैं। हम कई बार कह चुके हैं कि यहां पर फायर स्टेशन होना चाहिए।
रवि गुप्ता, अध्यक्ष, मनेरी औद्योगिक क्षेत्र
जब यशोधरा राजे सिंधिया उद्योगमंत्री थीं, तब उन्होंने उद्योगपतियों के साथ बैठक की थी। तब रिछाई-अधारताल में फायर स्टेशन लगाने की मांग की थी। तत्कालीन कमिश्नर वेदप्रकाश ने इस पर सहमति दी थी, लेकिन यह मांग अभी तक अधूरी है।
डीआर जेसवानी, अध्यक्ष, महाकोशल उद्योग संघ

प्रमुख घटनाएं
- मई 2019 में मनेरी में सन पैटपैक में आग से करीब 7 करोड़ का नुकसान।
- वर्ष 2021 में भूमिजा इस्पात मनेरी में आग लगी थी। इसमें एक मृत्यु भी हुई थी।
- 20 मई 2022 को मनेरी में सनमुखा फैक्ट्री में आग से लाखों का नुकसान।
- 2021 बंद्री गिरी फैक्ट्री मनेरी में आगजनी की घटना हुई।
- उमरिया-डुंगरिया में एक पुट्टा फैक्ट्री में आग की घटना।
- 12 मई को रिछाई औद्योगिक क्षेत्र में ट्रांसफार्मर फैक्ट्री में।
फायर ऑडिट भी ठीक से नहीं
आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए फायर ब्रिगेड पर निर्भरता तो ठीक है लेकिन एक सवाल फायर ऑडिट को लेकर भी उठाया जाता है। जानकारों का कहना है कि उद्योगों का नियमित रूप से फायर ऑडिट होना चाहिए, लेकिन यह नहीं होता है। यह काम शासन का हेल्थ एवं सेफ्टी डिपार्टमेंट करता है। लेकिन कई बार इसमें ढिलाई बरती जाती है। जबकि इंडस्ट्री में भी अग्निशमन यंत्रों के साथ-साथ आग से बचाव के लिए व्यापक इंतजाम होने चाहिए। आग।