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मप्र में आईटी इंजीनियरों की नौकरी पर सरकारी रोड़ा, ये बन रहे विलेन

locationजबलपुरPublished: May 07, 2018 12:06:33 pm

Submitted by:

Lalit kostha

आईटी इंजीनियरों की नौकरी पर सरकारी रोड़ा, ये बन रहे विलेन
 

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जबलपुर. बरगी हिल्स में आइटी पार्क एवं इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर में नए निवेशकों के लिए बैरियर नहीं खुल रहा है। यहां निवेश करने वाले उद्यमियों के आवेदन मप्र राज्य इलेक्ट्रॉनिक डेवलपमेंट कार्पोरेशन (एमपीएसइडीसी) में अटके हैं। आवेदनों की संख्या दो दर्जन से ज्यादा है। वहीं मौजूदा समय में भी समतलीकरण का काम धीमा होने से इकाइयों की स्थापना नहीं हो पा रही है। लोगों का मानना है कि इन उद्योगों के स्थापित होने से हजारों आईटी इंजीनियरों को नौकरी मिल सकती है।

about- एमपीएसइडीसी ने नीति का दिया हवाला, आगे नहीं बढ़ रही कार्रवाई, आइटी पार्क में नए निवेशकों के आवेदन अटके

लगभग ६३ एकड़ क्षेत्रफल में फैले आईटी पार्क में अब तक करीब ६२ इकाइयों को भूमि आवंटित हुई है। जानकारों ने बताया कि इतने क्षेत्रफल में करीब ११० इकाइयों की स्थापना हो सकती है। भोपाल में करीब दो दर्जन नए उद्यमियों ने यहां निवेश एवं अपनी इकाई की स्थापना के लिए जमीन आवंटन का आवेदन दिया है, लेकिन छह माह बाद भी उन्हें आवंटन नहीं हुआ। इस कारण वह आगे की योजना पर काम नहीं कर पा रहे हैं।

इकाइयों में उत्पादन पर भी नहीं जोर
३८ करोड़ से ज्यादा की लागत से विकसित किए जा रहे आईटी पार्क में अभी केवल दो इकाइयां हैं, जिन्होंने यूनिट निर्माण का काम शुरू किया है। उनमें भी जल्दी उत्पादन शुरू हो इसकी सम्भावना कम है। क्योंकि, जो जगह इकाइयों को आवंटित की गई है, वह पहाड़ी है। गहरी खाई हैं। इसका समतलीकरण अब शुरू हुआ है, लेकिन उसमें तेजी नहीं है।

चार साल से चल रही प्रक्रिया
आइटी पार्क एवं इलेक्ट्रानिक्स मैन्युफैक्चरिंग पार्क की योजना शहर में वर्ष २०१४ में शुरू हुई थी। इसका निर्माण पूरा नहीं होने से लोकार्पण भी अटका है। जबकि, इंदौर और भोपाल के आईटी पार्क में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के साथ ही उत्पादन तक शुरू हो चुका है। एेसे में यहां पर निवेश के साथ ही रोजगार के साधन भी युवाओं को नहीं मिल पा रहे हैं। हालांकि, आईटी बिल्डिंग ‘टेक्नो पार्कÓ में पेटीएम ने काम शुरू किया है। वहीं आइडिया इस माह के आखिर में अपना ऑपरेशन शुरू कर सकती है ।

सूचना प्रौद्योगिकी निवेश प्रोत्साहन योजना २०१६ में लागू की गई। इसका क्रियान्वयन होना बाकी हैं। स्पष्ट नियम बनने में थोड़ा वक्त लग रहा है। यह बन जाएंगे तो पता चल सकेगा कि किन शर्तों पर आवंटन होना है। जहां तक आइटी पार्क में भूमि के समतलीककरण का काम की बात है तो इस काम को जून तक पूरा कर लिया जाएगा।
– तिलकराज कपूर, चीफ जनरल मैनेजर एमपीएसईडीसी

facts-

63 -इकाइयों को भूमि आवंटित हुई है
110 – इकाइयों की स्थापना हो सकती है
38- करोड़ से ज्यादा की लागत से विकसित किए जा रहे आईटी पार्क
63 – एकड़ क्षेत्रफल (लगभग) में फैला आइटी पार्क

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