दर्दनाक कहानी कुछ यूं है कि सुशील तीन भाइयों में सबसे छोटा था। बड़े भाई शंकर की कोई औलाद नहीं है। वह सुशील और उसके बच्चों की देखभाल करता था। मझला भाई विष्णु अलग रहता है। उसकी चार बेटियां हैं। तीन की शादी हो चुकी है। वारदात वाली रात सुशील की पत्नी तीन वर्षीय बेटे और बेटी के साथ ननद की बेटी की शादी में शामिल होने चली गई थी। तीनों भाई अलग रहते हैं। लेकिन, घर सटे हुए हैं। देखा जाए तो सुशील दिव्यांग था। उसकी दो बेटियां, एक बेटा है। मझले भाई विष्णु की चार बेटियां हैं। जबकि, सबसे बड़े भाई शंकर को कोई संतान नहीं है। इसलिए वह सुशील के बच्चों को ही सबकुछ मानता था। लेकिन, पुलिस की मानें तो पहली भरोसा सुशील ने तोड़ा। उसने भाभी से अवैध सम्बंध बनाए। लेकिन, शंकर ने भी गलती सिर्फ छोटे भाई की मानी। उसने अपनी पत्नी को समझने या समझाने की कोशिश नहीं की। विश्वास टूटते ही वह गुस्से में अंधा हो गया। पलक झपकते भाई और भतीजी का गला काट दिया।
एसपी के अनुसार आरोपी शंकर ने बताया कि उसने 29 जून की रात 9.30 बजे अपनी पत्नी को सुशील के साथ आपत्तिजनक हालत में देख लिया था। इसके बाद वह दोनों को थप्पड़ मार कर कमरे में चला गया। देर रात करीब पौने 12 बजे शंकर कुल्हाड़ी लेकर गया और झोपड़ीनुमा कमरे में सो रहे सुशील का मुंह दबाकर गले पर वार किया। इस बीच भतीजा संजना की नींद खुल गई। उसने दादा कहकर पुकारा, तो शंकर ने उसके गले पर भी कुल्हाड़ी से वार कर मार डाला। घर जाकर उसने अपनी पत्नी को हत्या की जानकारी दी।