सुबह से ही दिखा असर
जबलपुर बंद का असर शहर में सुबह से ही नजर आने लगा था। सप्ताह के पहले दिन की वजह से सड़कों पर काफी चहल-पहल थी, लेकिन व्यापारिक प्रतिष्ठानों में ताले लटके रहे। निजी क्षेत्रों में काम करने वाले व्यक्ति के मन में यही पशोपेश था कि वे काम पर जाएं या फिर नहीं। हालांकि इस सवाल का जवाब दोपहर बाद ही मिल गया। जबलपर चेम्बर्स ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के पदाधिकारी प्रेम दुबे ने दोपहर करीब पौने १२ बजे बंद को वापस लेने की घोषणा कर दी। दुबे का कहना था कि व्यापारी गण केंट पुलिस थाना प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे, जिसे एसपी ने पूरा कर दिया। यह सबक जनता तक जाना आवश्यक था कि वर्दी की आड़ में किसी आम व्यक्ति के साथ बदसलूकी नहीं होनी चाहिए।
पुलिस के खिलाफ आक्रोश
जबलपुर चेम्बर्स ऑफ ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के पदाधिकारी हिमांशु खरे व प्रेम दुबे का कहना है कि पुलिस का रवैया निराशाजनक है। थानों में लोगों की शिकायत नहीं सुनी जा रही। घटनाओं की एफआईआर दर्ज करने में आना कानी की जाती है, इससे कहीं न कहीं अपराधियों को संरक्षण मिल रहा है। पुलिस द्वारा सदर में व्यवसायी विवेक गोलछा के साथ अभद्रता की गई। सैकड़ों लोग इस बात के गवाह हैं। इस तरह की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए। यदि पुलिस किसी निर्दोष को वेबजह सताएगी तो न व्यापारिक संगठनों को न चाहकर भी सख्त कदम उठाने के लिए विवश होना पड़ेगा।
एकजुट हुए नेता
व्यापारियों के मामले में शहर का सत्ता पक्ष व विपक्ष एक हो गया है। कांग्रेस विधायक तरुण भनोत, राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा, विधायक अशोक रोहाणी, केंट उपाध्यक्ष चिंटू चौकसे समेत अन्य नेता भी व्यापारियों के टीआई को निलंबित करने की मांग कर रहे हैं।
सुबह से ही पुलिस प्रशासन इसके लिए मुस्तैद हो गया। व्यापारी भी अपने अपने क्षेत्रों में सक्रिय होकर पुलिस का विरोध कर रहे हैं। रविवार को सदर के व्यापारियों ने पूर्ण बंद रखा था, वहीं शाम को हुई एक बैठक में समूचे जबलपुर के व्यापारिक संगठनों ने एकजुटता दिखाते हुए समूचे जबलुपर बंद का निर्णय लिया था।
दिखाया पुलिस बर्बरता का वीडियो –
व्यापारियों ने शाम को वह वीडियो लोगों को दिखाया, जिसमें पुलिस मारपीट कर रही है। व्यापारियों ने थाना प्रभारी प्रफुल्ल श्रीवास्तव के निलम्बन की मांग की। रविवार रात तक मांग पूरी न होने पर व्यापारी संगठनों ने सोमवार को जबलपुर बंद रखने का फैसला किया।