दुग्ध उत्पादन के मामले में जबलपुर एक बड़ा केंद्र बनता जा रहा है। शहर की जनता हर रोज करीब 3.4 लाख लीटर दूध पी रही है। हालांकि इसमें से करीब 30 फीसदी दूध बाहर भी एक्सपोर्ट किया जा रहा है। पिछले सालों के दौरान करीब 60 से 65 हजार लीटर दूध की खपत में वृद्धि हुई है जो कि करीब 25 फीसदी ज्यादा बताई जाती है। देखा जाए तो एक तरह से जबलपुर में दूध की मांग के साथ खपत में भी वृद्धि दर्ज की गई है। लोगों के स्वास्थ्य के प्रति बढ़ी जागरूकता को देखते हुए दूध में यह वृद्धि आगे भी बने रहने की संभावना जताई जा रही है।
डेयरियों में भी बढ़ी मांग
डेयरियों में भी बढ़ी मांग
जबलपुर में करीब 200 से अधिक डेयरियां संचालित हैं । डेयरियों के माध्यम से करीब 2.50 लाख लीटर रोजाना दूध की खपत शहर में की जा रही है। जो कि ओपन मार्केट में दूध को सप्लाई करती हैं, जबकि सरकारी और बाहरी पैकट बंद दूध को मिलाकर करीब 50 हजार लीटर दूध की खपत शहर में हो रही है। सहकारी समिति द्वारा उत्पादित करीब 40 हजार लीटर दूध की खपत बताई जाती है।
कोविड के बाद बढ़ी जागरूकता बताया जाता है कोविड के बाद लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ी है। लोग अब पहले से ज्यादा हैल्थ के प्रति केंद्रित हुए हैं। दूध, दही, पनीर का प्रयोग भोजन में बढ़ा है जिसके कारण दूध की मांग में वृद्धि दर्ज की गई है। गर्मी में भी दूध से जुड़े उत्पादों में वृद्धि दर्ज हुई।
वीयू में बढ़ा 50 फीसदी उत्पादन
वीयू में बढ़ा 50 फीसदी उत्पादन
वेटरनरी विश्वविद्यालय के पशुधन प्रक्षेत्र में भी दूध उत्पादन में आशातीत वृद्धि दर्ज की गई है। एक साल पहले तक जहां 250 लीटर दूध का उत्पादन होता था जो सीधे 50 फीसदी बढ़ाकर 500 लीटर तक पहुंच गया है। विवि प्रशासन इस दूध को सेल भी कर रहा है। इसके लिए अब मशीन स्थापित करने की तैयारी की जा रही है।
प्रदेश तीसरे नंबर पर वीयू के संचालक विस्तार शिक्षा एवं एक्सपर्ट डॉ.सुनील नायक कहते हैं कि जिले में 3.46 मीटि्क टन दूध उत्पादन किया जा रहा है। दूध उत्पादन में भारत पहले स्थान पर है। प्रदेश में 4554 टन के उत्पादन के साथ दूसरे स्थान पर है। गाय के दूध में कई तरह के विटामिन होते हैं जो कि शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होता है। प्रदेश में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 545 ग्राम प्रति दिन है, जो राष्ट्रीय औसत (406 ग्राम) से ज्यादा है। दूध उत्पादन में पहले स्थान पर उत्तर प्रदेश और दूसरे पर राजस्थान रहा है।
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-विवि के पशुधन प्रक्षेत्र में दूध उत्पादन में वृद्धि हुई है। पांच सौ लीटर तक हम उत्पादन कर रहे हैं। इसे और बढ़ाने का भी प्रयास किया जा रहा है। विक्रय के लिए ऑटोमेटिक मशीन स्थापित कर रहे हैं।
-विवि के पशुधन प्रक्षेत्र में दूध उत्पादन में वृद्धि हुई है। पांच सौ लीटर तक हम उत्पादन कर रहे हैं। इसे और बढ़ाने का भी प्रयास किया जा रहा है। विक्रय के लिए ऑटोमेटिक मशीन स्थापित कर रहे हैं।
-डॉ.एसपी तिवारी, कुलपति नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा एवं विज्ञान विवि
.... -दूध उत्पादन बढ़ने की मुख्य वजह लोगों में स्वास्थ्य के प्रति बढ़ी जागरूकता है। साथ ही दो सालों बाद बाजार खुले रूप में आए हैं। हम 40 हजार लीटर दूध का रोजाना उत्पादन कर रहे हैं।
-दीपक शर्मा, सीईओ जबलपुर सहकारी दुग्धसंघ मर्यादित
.... -दूध उत्पादन बढ़ने की मुख्य वजह लोगों में स्वास्थ्य के प्रति बढ़ी जागरूकता है। साथ ही दो सालों बाद बाजार खुले रूप में आए हैं। हम 40 हजार लीटर दूध का रोजाना उत्पादन कर रहे हैं।
-दीपक शर्मा, सीईओ जबलपुर सहकारी दुग्धसंघ मर्यादित