स्वदेशी वस्तुओं के लिए मुहिम हुई तेज : व्यापारियों और उपभोक्ताओं ने भी बनाया मन
चीनी वस्तुओं का रोजाना 15 करोड़ रुपए का कारोबार, अब शहर करेगा बहिष्कार
आमतौर पर त्यौहारों पर बिकने वाली वस्तुओं में चीनी माल ज्यादा होता है लेकिन सामान्य बाजार में भी ऐसी कई चीजें हैं जिनमें कही न कहीं चीन का ठप्पा लगा होता है। चमक-दमक के लिए वहां की चीजें पहचानी जाती हैं। कीमत भी कम होने के कारण लोग इन्हें खरीदते हैं। लेकिन उनकी गुणवत्ता पर हमेशा सवाल खड़ा रहता है। मजबूती में कई चीजों में वहां का मार्केट देश की फर्मों के आगे नहीं टिकता। लेकिन लागत ज्यादा आने के कारण कीमत देशी चीजों की थोड़ी ज्यादा होती है। लेकिन अब लोग चीन को सबक सिखाने के लिए वहां की वस्तुओं का उपयोग नहीं करने की कसम लोग खा रहे हैं।
चीन हमारे स्वाभिमान को ठेस पहुंचा रहा है तो हम उनके उत्पादों का इस्तेमाल क्यों न करें। व्यापारी एवं उद्योगपति इसका समर्थन करता है। देश के ही उद्योग बढ़ेंगे तो हमारे यहां रोजगार की समस्या भी मिटेगी।
– रवि गुप्ता, अध्यक्ष महाकोशल चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री
स्वदेशी चीजों को अपनाया जाना चाहिए। चीनी वस्तुओं के बहिष्कार का हिमायती रहा हूं। इसके साथ ही हमे अपनी इंडस्ट्री को मजबूत करना चाहिए। उन्हें सरकारे खुले मन से सहयोग करे ताकि उनकी स्थापना में अड़चने नहीं आएं।
– कमल ग्रोवर, कार्यकारी अध्यक्ष जबलपुर चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री
चीन के माल का बहिष्कार किया जाना चाहिए। पहले जरूर चीनी आइटम मंगाते थे लेकिन अब उसे बंद कर दिया है। जिस देश का माल हमारे यहां बिकता है, वहीं आंख दिखाए तो हम उसका समर्थन क्यों करें।
– मनप्रीत सिंग जग्गी, साइकिल विक्रेता