लॉकडाउन 1.0 से 4.0 के बीच 73 दिन सिर्फ 239 संक्रमित थे। इसमें भी ज्यादातर संक्रमित तीन से चार इलाके में थे। बड़ी आबादी संक्रमण से दूर थी। कोरोना से 9 लोग की जान गई थी। अनलॉक 1.0 और 2.0 के दौरान 7.8 घंटे के नाइट कफ्र्यू प्रभावी रहा। अनलॉक 3.0 के साथ नाइट कफ्र्यू हट गया। कोरोना चेन नहीं टूटने से लॉकडाउन के मुकाबले अनलॉक में संक्रमित की संख्या 34 गुना से ज्यादा हो गई। जिले का कोना-कोना कोरोना की जद में आ गया।
चेन तोडऩे के करने होंगे सामूहिक प्रयास
– आवश्यक सेवाओं से संबंधित कार्यालय के अलावा अन्य संस्थान वर्कफ्रॉम होम को बढ़ाएं।
– बाजारों को दिन में पांच से छह घंटे के लिए ही खोले। होम डिलेवरी सिस्टम पर जोर दिया जाए।
– दुकान, संस्थान जहां तीन से ज्यादा व्यक्ति एकत्रित हो रहे हैं, वहां फेस सील्ड पहनना अनिवार्य हो।
– दुकानों में बेचे जा रहे मास्क की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए नियमित जांच की जाए।
– बाहर निकलने पर ट्रिपल लेयर मास्क को सही तरीके से पहनें। इसमें लोग लापरवाही ना करें।
– दस वर्ष से कम आयु वाले और 60 वर्ष से ज्यादा उम्र वाले व्यक्ति घर पर ही रहें।
– युवा सदस्य ही घर से बाहर निकलें। जहां भीड़ नजर आ रही है, वहां पर बिल्कुल ना जाएं।
– संक्रमण से बचाव के तरीके अपनाते हुए लोग अपने दिनचर्या में परिवर्तन लाकर सुरक्षित बनाएं।
– कोरोना का संदिग्ध लक्षण महसूस होने पर सबसे पहले स्वयं को घर में अलग कर लें।
– स्वास्थ्य विभाग के फीवर क्लीनिक या किसी नजदीकी डॉक्टर से जाकर जांच कराएं।
– कोरोना जांच के लिए नमूना देने के बाद जब तक रिपोर्ट ना आ जाए किसी ना मिले-जुलें।