ऑक्सीजन एक्सप्रेस को जल्दी पहुंचाने के लिए बोकारो से कोटशिला, झारसुगुड़ा, बिलासपुर, न्यू कटनी जंक्शन के रास्ते जबलपुर और सागर तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। इस ऑक्सीजन एक्सप्रेस में रोल ऑन और रोल ऑफ के साथ 02 टैंकर थे, जो 21.63 मीट्रिक टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन लेकर आए। न्यू कटनी से एक टैंकर भेड़ाघाट आया। दूसरा टैंकर सागर (मकरोनिया) भेजा गया है। प्रदेश में 10 ऑक्सीजन एक्सप्रेस के जरिए रेलवे के जरिए अभी तक 32 टैंकरों में 361.19 मीट्रिक टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति हुई है।
देश की 100वीं ऑक्सीजन एक्सप्रेस
कोरोना महामारी में ऑक्सीजन की कमी पर बोकारो से आयी ऑक्सीजन एक्सप्रेस से मरीजों को नई सांस मिली थी। उसके बाद से लगातार परिवहन जारी है। यह भी संयोग है कि बुधवार को टैंकर लेकर पहुंची ट्रेन प्रदेश में आने वाली दसवीं ऑक्सीजन एक्सप्रेस है। और यहीं ट्रेन देश में रेलवे की 100वीं ऑक्सीजन एक्सप्रेस है। इसे मिलाकर रेलवे देश के अलग-अलग राज्यों में ऑक्सीजन एक्सप्रेस के जरिए अभी तक 6260 मीट्रिक टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की ढुलाई कर चुका है।
रोल ऑन रोल ऑफ सेवा
रेलवे की ओर से कोरोना काल में मरीजों को बचाने के लिए जीवन रक्षक के रूप में लिक्विड ऑक्सीजन की सप्लाई सुनिश्चित की जा रही है। इसे रोल ऑन रोल ऑफ सेवा के तहत ऑक्सीजन टैंकरों को ट्रक के माध्यम से जल्द से जल्द उनके गंतव्य स्टेशन तक पहुंचाया जा रहा है। इस सुविधा के अंतर्गत देश भर के राज्यों को जहां ऑक्सीजन टैंक सीधे ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ता फैक्ट्री से शीघ्रता शीघ्र अपने गंतव्य को पहुंच रहे हैं।