scriptजबलपुर मल्टीस्पेशियलिटी अस्पताल कांड पर अब तक ये हुई कार्रवाई | Jabalpur fire incident: A hospital operator arrested | Patrika News

जबलपुर मल्टीस्पेशियलिटी अस्पताल कांड पर अब तक ये हुई कार्रवाई

locationजबलपुरPublished: Aug 04, 2022 10:05:48 am

– तीन पार्टनरों की तलाश जारी
– अस्पताल का एक संचालक गिरफ्तार

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जबलपुर। जबलपुर शहर के न्यू लाइफ मल्टीस्पेशियलिटी अस्पताल (new life multispeciality hospital ) में सोमवार दोपहर को लगी भीषण आग के चलते अस्पताल में भर्ती कई मरीजों की मौत हो गई। आग को बुझाने के लिए नगर निगम की दमकलों को बुलाया गया है। अस्पताल की ऊपरी मंजिल लंबे समय तक कई मरीज फंसे रहे, जिन्हें एक-एक करके दूसरी बिल्डिंग की तरफ सुरक्षित निकाला गया। शाम तक मृतकों की संख्या 8 तक पहुंच गई थी।

इसके पश्चात इस घटनी की जांच करने के बाद आठ मरीजों और स्टाफ के सदस्यों को मौत के मुंह में धकेलने वाले न्यू लाइफ मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल के एक संचालक संतोष सोनी को बुधवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उसके तीन पार्टनरों की तलाश जारी है। उधर, पहले ही गिरफ्त में आए असिस्टेंट मैनेजर राम सोनी को जेल भेज दिया गया। डॉ. संतोष सोनी अस्पताल के चार पार्टनर में से एक है। 25 प्रतिशत की हिस्सेदारी उसकी है। सोनी खुद को होम्योपैथी का डॉक्टर बताता है, लेकिन उसकी डिग्री संदिग्ध लगती है। उसका दावा है कि एमए के बाद जब नौकरी नहीं मिली तो उसने बीएचएमएस किया और डॉक्टर बन गया।

एेसे समझें पूरा मामला
सोमवार दोपहर को जबलपुर के तीन मंजिला न्यू लाइफ मल्टीस्पेशियलिटी अस्पताल के आइसीयू में चार व 18 से अधिक मरीज दूसरे वार्डों में भर्ती थे। स्टाफ व मरीजों के परिजन सहित 35 से अधिक लोग अस्पताल के भीतर थे, तभी भूतल से ऐसा आग का गोला उठा कि देखते ही देखते पूरा अस्पताल धू-धू कर जलने लगा। इंट्री और एक्जिट दरवाजा एक ही था, इसलिए सभी भीतर फंस गए।

आग से जलने के कारण अब तक 8 लोगों की मौत हुई है। नगर निगम के पांच दमकलों ने डेढ़ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक सब कुछ खाक हो चुका था। शुरुआती जांच में पता चला है की अस्पताल का फायर सेफ्टी के लिए नगर निगम से जारी अस्थायी एनओसी मार्च 2022 में ही समाप्त हो चूका है। उससे पहले अस्पताल संचालक को फायर सेफ्टी सिस्टम लगाकर लाइसेंस स्थायी लेना था, लेकिन उसने पहल नहीं की।

2 से अधिक की हालत गंभीर
आग से तीन मंजिला बिल्डिंग लगभग पूरी तरह जल गई। 8 लोगों की हालत गंभीर है, उन्हें मेडिकल कॉलेज व निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। मरीजों की हालत को देखते हुए अभी मौतों का आंकड़ा बढऩे की आशंका है। बताया जा रहा है कि आग लगने के बाद मरीजों को बचाने के दौरान कुछ लोग अंदर गए, जो बाहर नहीं निकल सके। लपटें इतनी तेज थीं कि कमरे में फंसे लोगों को बाहर निकालना बेहद मुश्किल था। कुछ लोगों को खिड़की और दरवाजे तोड़कर बाहर निकाला गया।

https://youtu.be/QpNdit7FKpU

मृतकों में से 8 की पहचान हुई
1. वीर सिंह (30) पिता राजू ठाकुर, निवासी न्यू कंचन पुर, आधारताल, जबलपुर (स्टाफ सदस्य)
2. स्वाति वर्मा (24) निवासी- नारायणपुर, मझगंवा, सतना (स्टाफ सदस्य)
3. महिमा जाटव (23) निवासी नरसिंहपुर (स्टाफ सदस्य)
4. दुर्गेश सिंह (42) पिता गुलाब सिंह, निवासी आगासौद, पाटन रोड, माढोता जबलपुर
5. तन्मय विश्वकर्मा (19), निवासी खटीक मोहल्ला, घामापुर जबलपुर
6. अनुसूइया यादव (55), पति धर्मपाल, चित्रकूट, मानिकपुर यूपी
7. सोनू यादव 26, पिता- श्रीपाल, चित्रकूट, मानिकपुर यूपी
8. संगीता बरकड़े ,22 ,निवासी बरेला,जबलपुर

जांच के बिंदु तय
स्वास्थ्य विभाग ने हाईपॉवर कमेटी की जांच बैठाने के आदेश भी तुरंत जारी कर दिए। इसके तहत जबलपुर संभागायुक्त बी चंद्रशेखर की अध्यक्षता में जांच कमेटी बनाई है। इसमें सदस्य के तौर पर संयुक्त संचालक स्वास्थ्य जबलपुर संजय मिश्रा, संयुक्त संचालक टीएनसीपी जबलपुर आरके सिंह और अधीक्षण यंत्री विद्युत सुरक्षा जबलपुर अरविंद बोहरे शामिल किए गए हैं।

जांच कमेटी अग्नि दुर्घटना के कारण, अस्पताल में फायर सेफ्टी व इलेक्ट्रिककल सेफ्टी सहित अन्य मंजूरियां, टीएनसीपी के नियमों के तहत भवन निर्माण व अमल और उपचार संबंधित पहुलओं पर जांच करेगी। साथ ही एक महीने में रिपोर्ट देगी।

अाग लगने के बाद नगर निगम के पांच दमकलों ने डेढ़ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक सब कुछ खाक हो चुका था। शुरुआती जांच में पता चला है की अस्पताल का फायर सेफ्टी के लिए नगर निगम से जारी अस्थायी एनओसी मार्च 2022 में ही समाप्त हो चूका है। उससे पहले अस्पताल संचालक को फायर सेफ्टी सिस्टम लगाकर लाइसेंस स्थायी लेना था, लेकिन उसने पहल नहीं की।

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