about- जनहित याचिका का निराकरण, निजी स्कूल 10 फीसदी से अधिक फीस नहीं बढ़ा सकते
यह है मामला
हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश हेमंत गुप्ता व न्यायाधीश विजय कुमार शुक्ला की खंडपीठ ने निजी स्कूलों की फीस वृद्धि से सम्बन्धित बनाए गए अधिनियम के खिलाफ चुनौती देने वाली जनहित याचिका निराकृत कर दी है। याचिका में सरकार ने बताया कि निजी स्कूल 10 प्रतिशत से ज्यादा फीस वृद्धि नहीं कर सकते हैं। यदि वे ऐसा करते हैं तो उन्हें कलेक्टर के समक्ष बीते तीन साल का विवरण पेश करना होगा। याचिकाकर्ता ने याचिका वापस लेने का आग्रह किया था। जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।
याचिका नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की ओर से दायर की गई थी, जिसमें मध्यप्रदेश सरकार द्वारा जनवरी में मध्यप्रदेश निजी विद्यालय फीस अधिनियम को चुनौती दी गई थी। याचिकाकर्ता का कहना था कि अधिनियम तो बनाए गए हैं, परंतु इन्हें क्रियान्वित करने नियम नहीं बनाए गए। अधिनियम इस वर्ष के शैक्षणिक सत्र में लागू किया जा रहा लेकिन फीस वृद्धि 10 प्रतिशत से नीचे रखने के लिए प्रतिबंध का नोटिफिकेशन जारी ही नहीं किया गया है। ऐसे में निजी स्कूलों में वसूली जा रही फीस को मॉनीटर करने का उद्देश्य ही पूरा नहीं होगा। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय हाजिर हुए।
ऐसे होती है वसूली
कॉपी किताबों में कमीशनखोरी
स्कूल ड्रेस को बताई हुई दुकान से खरीदने का आदेश
प्रवेश के नाम पर डोनेशन और मोटी ट्यूशन फीस