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गुनगुनाने को तरस गए इस शहर के लोग … लगी आज सावन की फिर वो झड़ी है!

locationजबलपुरPublished: Aug 01, 2020 09:20:57 pm

Submitted by:

shyam bihari

अच्छी बारिश के जाना जाने वाला शहर जबलपुर इस बार सामान्य बारिश को भी तरस रहा है
 
 

गुनगुनाने को तरस गए इस शहर के लोग ... लगी आज सावन की फिर वो झड़ी है!

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जबलपुर। किसी और शहर में हो या न हो, लेकिन जबलपुर शहर में आमतौर पर हर बार फिल्म चांदनी के गाना लगी आज सावन की फिर भी वो झड़ी है … गुनगुनाने का मौका मिल जाता है। लेकिन, इस बार जबलपुर शहर भी बारिश के लिए तरस गया है। आषाढ़ तो ठीक सावन का महीना भी सूखा निकल गया। काले बादलों के घंटों छाए रहने के बाद बिना बरसे लौट जाने से जमीन की प्यास नहीं बुझ पायी है। जुलाई के पूरे महीने में सिर्फ 167 मिमी वर्षा हुई है। जबकि सामान्य रूप से जुलाई में ही चार से पांच सौ मिमी तक पानी बरस जाता है। श्रावण की विदाई बेला तक मौसम सुहाना होने लगता है। लेकिन इस बार उमस-गर्मी सता रही है। आंकड़ों पर नजर दौड़ाए तो चार साल से शहर में बारिश का ग्राफ लगातार गिर रहा है। लेकिन इस बार बारिश वाले बादलों का हवा का साथ नहीं मिलने से वर्षा 10 बरस के अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंचने की तरफ है। 31 जुलाई तक की स्थिति में इस वर्ष महज 268.9 मिमी पानी बरसा है। यह औसत से भी कम है। आषाढ़ में मानूसन की दस्तक के बाद झमाझम बारिश की कुछ किस्त और फिर सावन में रिमझिम फुहार से शहर अच्छे से भींग जाता है। खेतों की प्यास बुझने लगती है। इसका असर मौसम पर पड़ता है। नमी और शीतल हवा के झौंके से गर्मी से राहत मिलने लगती है। लेकिन इस साल सावन की विदाई पर भी धूप ज्येष्ठ माह जैसी चुभ रही है। सूरज के तेवर तीखें बनें हुए हैं। जुलाई बीतते तक तापमान सामान्य से पांच डिग्री तक ऊपर बना हुआ है। उमस और गर्मी से लोग बेचैन हैं। राहत की बूंदे नहीं टपकने से आसमान की ओर टकटकीं लगाए बैठे किसान की उम्मीदें टूट रही हैं।
आसपास तो ठीक है
मानसून की जल्दी दस्तक के साथ इस बार बारिश की खेप में जल्दी पहुंची। अंचल में अब तक अच्छी बारिश हुई है। आसपास के कई जिलों में सामान्य से ज्यादा वर्षा दर्ज हुई है। लेकिन बारिश वाले बादल इस साल अभी तक शहर को धोखा दे रहे हैं। इससे लगातार चार साल में गिरावट के बाद इस बार सबसे कम बारिश हुई है। पिछले वर्ष 31 जुलाई तक शहर में 424.4 मिमी बरसात हुई थी। जबकि इस वर्ष 31 जुलाई तक महज 268.9 मिमी वर्षा हुई है। ये औसत से 31 प्रतिशत और पिछले वर्ष से 155.5 मिमी कम है। मौसम विशेषज्ञ देवेंद्र कुमार तिवारी के अनुसार इस बार मानसून जल्दी प्रवेश किया है। जब जल्दी मानसून आता है तो बीच में कुछ दिनों का ब्रेक होता है। हिमालय के तराई वाले क्षेत्रों में ट्रफ लाइन अभी ऊपर की बनी हुई थी। यह ब्रेक का ही हिस्सा है। धीरे-धीरे ट्रफ लाइन अपनी सामान्य स्थिति पर लौट रही है। यह कुछ दिनों में अपनी वास्तविक स्थिति में आ जाएगी। उसके बाद बारिश के आसार बनेंगे। बंगाल की खाड़ी में 4 अगस्त तक एक सिस्टम बनने का अनुमान है। उससे सम्भाग में कई जगहों पर बूंदबांदी होने की सम्भावना है।

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