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आइ डिया-पेटीएम जैसी कंपनियों ने किया निवेश

locationजबलपुरPublished: Nov 25, 2022 12:18:46 pm

Submitted by:

gyani rajak

जबलपुर आईटी पार्क: अब बन रही दूसरी टेक्नापार्क बिल्डिंग

The Technopark building

बरगी हिल्स आईटी पार्क एवं इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर में बनी टेक्नाेपार्क बिल्डिंग आईटी कंपनियों की पसंदीदा जगह बन गई है।

जबलपुर. बरगी हिल्स आईटी पार्क एवं इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर में बनी टेक्नाेपार्क बिल्डिंग आईटी कंपनियों की पसंदीदा जगह बन गई है। निर्माण से लेकर अब तक कई बड़ी कंपनियां कारोबार कर रही हैं। यहां एक फ्लोर में जगह खाली नहीं बची। इसलिए सवा लाख वर्गफीट क्षेत्रफल की एक और बिल्डिंग बन रही है। इसकी बुकिंग के लिए भी निवेशक संपर्क करने लगे हैं।

आईटी पार्क में मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर के साथ टेक्नोपार्क बिल्डिंग का निर्माण भी किया गया है। यह बिल्डिंग उन आईटी कंपनियों के लिए बनाई गई है जो कि निर्माण नहीं बल्कि आईटी क्षेत्र का कार्य करती हों। बेसमेंट सहित पांच मंजिला बिल्डिंग में वर्तमान में आइडिया, पेटीएम जैसी नामी एवं स्थानीय कंपनियां काम कर रही हैं। विद्युत मंडल का कॉल सेंटर भी यहीं चलता है। तमाम कंपनियों में लाखों रुपए के निवेश के साथ ही देशभर के डेढ़ हजार युवाओं को रोजगार मिल रहा है।

दो फेज में हो रहा तैयार

तिलवारा रोड के नजदीक 63 एकड़ में बने आईटी पार्क का क्लस्टर दो फेज में तैयार हो रहा है। फेज एक और दो में कुल 114 प्लॉट हैं। दोनों ही फेज में भूखंड निवेशकों को आवंटित हो चुके है। दूसरे फेज में नीलामी के जरिए भूखंडों का आवंटन हुआ था। अब इसका भी विकास आरंभ हो चुका है। निवेशक यहां अपनी इकाइयां यहां पर लगा रहे हैं। अभी 48 निवेशकों ने इकाइयों के निर्माण शुरू कर दिया है। कुछ अंतिम िस्थति में हैं। वहीं 13 ऐसी इकाइयां हैं जिनमें उत्पादन प्रारंभ हो गया है।

फैक्ट फाइल

– 63 एकड़ है आईटी पार्क का कुल क्षेत्रफल।

– 116 भूखंडों का आवंटन फेज एक और दो में।

– 48 में शेड बनाने का काम तेज, 13 में उत्पादन।

– 1.15 लाख वर्गफीट में बनी है टेक्नोपार्क बिल्डिंग।

– 12 कंपनियां कर रही हैं काम, 15 सौ को रोजगार।

– 1.15 लाख वर्गफीट ही दूसरी बिल्डिंग का रकबा।

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राजस्व का बनेगा बड़ा जरिया

टेक्नोपार्क बिल्डिंग जहां आईटी कंपनियों के लिए बड़ा वर्कस्पेश दे रही हैं तो यह शासन के लिए राजस्व का बड़ा जरिया भी बना हुआ है। मध्यप्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कारपोरेशन (एमपीएसइडीसी) को इससे अच्छा खासा किराया मिलता है। मौजूदा समय में बिल्डिंग से हर महीने 14 लाख 76 लाख रुपए किराया मिलता है। बेसमेंट में पार्किंग स्थल को छोड़कर जो कार्यालय बने थे, वे भी भर गए हैं। इस बात को ध्यान में रखकर नई बिल्डिंग का निर्माण किया जा रहा है।

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कोरोना की वजह से हुई देरी

इस बिल्डिंग का निर्माण दो साल पहले होना था लेकिन कोरोना की वजह से यह रुका रहा। पूर्व में एमपीएसइडीसी ने इसका डिजाइन भी बदला था। हालांकि बाद में पहले से मौजूद टेक्नोपार्क बिल्डिंग का निर्माण किया जा रहा है। बगल में ही इसका निर्माण प्रारंभ हो गया है। इसकी नींव और प्लंथ भर चुकी है। अब बेसमेंट पर काम शुरू हो गया है। इससे बनने से न केवल नया निवेश आएगा बल्कि डेढ़ हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार का जरिया भी बनेगा।

टेक्नापार्क बिल्डिंग में अब जगह नहीं हैं। यहां पर 12 कंपनियां काम कर रही है। इसलिए एमपीएसइडीसी नई बिल्डिंग का निर्माण कर रहा है। अगले कुछ माहों में बनकर यह तैयार हो जाएगी।

राजेंद्र राय, मैनेजर, बरगी हिल्स आईटी पार्क

 

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