नक्षत्र- तीक्ष्णदारूक संंज्ञक नक्षत्र आद्र्रा प्रात: 7.37 तक उपरंात चरसंज्ञक तिर्यड़मुख नक्षत्र पुनर्वसु रहेगा। पुनर्वसु नक्षत्र में यात्रा, सवारी, पुष्टता, कारीगरी, शस्त्र निर्माण, कृषिकार्य, पौधरोपण, बागवानी जैसे कार्य शुभ तथा कल्याणकारी माने जाते हैं। इस नक्षत्र में सेवारंभ से जुड़े कार्य भी सुखद कल्याणकारी तथा सुख प्रदान करने वाले माने जाते हैं।
शुभ मुहूर्त – ंआज नामकरण, औषधि सेवन, औषधि निर्माण, कर्जनिपटारा, शिल्प विद्या, गायन वादन जैसे कार्य हेतु दिवस शुभ सुखद तथा मंगलकारी तथा अनुकूल रहेगा।
श्रेष्ठ चौघडि़ए – आज 9.00 से 10.30 शुभ दोपहर 1.30 से 6.00 चर, लाभ तथा अमृत तथा रात्रि 6.00 से 7.30 चर की चौघडिय़ा शुभ सुखद तथा मंगलकारी रहेगी।
व्रतोत्सव- आज :जीवित्पुत्रिका व्रत पारणा, मातृ नवमी श्राध्द का व्रत व्रतोत्सव पर्व रहेगा।
चन्द्रमा : रात्रि 2.59 तक मिथुन राशि में उपरंात चन्द्र प्रधान राशि कर्क राशि में संचरण करेगा।
ग्रह राशि नक्षत्र परिवर्तन: सूर्य के कन्या राशि में गुरु वृश्चिक राशि में तथा शनि धनु राशि के साथ सभी ग्रह यथा राशि पर स्थित हैं, सूर्य का उ.फाल्गुनी नक्षत्र में संचरण रहेगा।
दिशाशूल: आज का दिशाशूल पूर्व दिशा में रहता है, इस दिशा की व्यापारिक यात्रा को यथा संभव टालना हितकर है। चन्द्रमा का वास पश्चिम दिशा में है, सन्मुख एवं दाहिना चन्द्रमा शुभ माना जाता है।
राहुकाल: प्रात: 7.30.00 बजे से 9.00.00 बजे तक। (शुभ कार्य के लिए वर्जित)
आज जन्म लेने वाले बच्चे आज जन्मे बालकों का नामाक्षर के,हो,हा,ही अक्षर से आरंभ कर सकते है। पुनर्वसु नक्षत्र में जन्मे बालकों की राशि मिथुन होगी, राशि स्वामी बुध तथा रजतपाद पाया में जन्म माना जाएगा। मिथुन राशि के जातक प्राय: सुंदर, मननशील, गंभीर, आध्यात्मिक, प्रकृतिप्रेमी, दार्शनिक, आडंबर विरोधी, धैर्यवान तथा अनुशासन प्रिय होते हैं। जीवन के उत्तरार्ध अवस्था में आर्थिक विकास होता है।