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बंदर पकडऩे के लिए मथुरा और वृंदावन से आई थी टीम पर खाली हाथ लौटीं

locationजबलपुरPublished: Dec 15, 2017 03:23:34 pm

Submitted by:

deepak deewan

शहर में उत्पाती बंदरों को पकडऩे के लिए बुधवार से शुरू हुई धरपकड़ दूसरे दिन गुरुवार को भी बेनतीजा रही।

jabalpur latest news: Residents troubled by monkeys

jabalpur latest news: Residents troubled by monkeys

जबलपुर . शहर में उत्पाती बंदरों को पकडऩे के लिए बुधवार से शुरू हुई धरपकड़ दूसरे दिन गुरुवार को भी बेनतीजा रही। मथुरा-वृंदावन से बंदरों को पकडऩे के लिए आई टीम ने गढ़ा में दूसरे दिन भी पिंजरे लगाए। स्टेट बैंक कॉलोनी में लगाए गए दो पिंजरों में दोपहर तक बंदरों के फंसने का इंतजार होता रहा। पिंजरों में चना, मंूगफली व केले बंदरों को ललचाने के लिए रखे गए थे। इसके बावजूद एक भी बंदर पिंजरों की तरफ झांकने तक नहीं आया। गढ़ा स्थित स्टेट बैंक कॉलोनी में लोग बंदरों के उत्पात से लंबे समय से परेशान हैं। इसके साथ ही मेडिकल, फुहारा सहित गढ़ा के अन्य इलाकों में भी बंदरों का आतंक है। मथुरा-वृंदावन से बंदरों को पकडऩे टीम बुलाई गई है। दो दिन की कवायद के बावजूद एक भी बंदर टीम के हाथ नहीं आया है। इससे टीम भी परेशान है।
मेडिकल ले गए पिंजरे
दोपहर में दोनों पिंजरे हटा दिए गए। पिंजरों को मेडिकल ले जाया गया है, जहां शुक्रवार की सुबह डॉक्टर कालोनी में बंदरों को फांसा जाएगा। दूसरे दिन भी बंदर न पकड़े जाने से मथुरा-वृंदावन से आई टीम निराश नजर आई। टीम को नगर निगम द्वारा प्रत्येक बंदर के लिए १ हजार रुपए का भुगतान किया जाएगा।
बंदरों के उत्पात से परेशान रहवासी
गढ़ा स्थित स्टेट बैंक कॉलोनी में लोग बंदरों के उत्पात से लंबे समय से परेशान हैं। इसके साथ ही मेडिकल, फुहारा सहित गढ़ा के अन्य इलाकों में भी बंदरों का आतंक है। मथुरा-वृंदावन से बंदरों को पकडऩे टीम बुलाई गई है। दो दिन की कवायद के बावजूद एक भी बंदर टीम के हाथ नहीं आया है। इससे टीम भी परेशान है। स्टेट बैंक कॉलोनी में लगाए गए दो पिंजरों में दोपहर तक बंदरों के फंसने का इंतजार होता रहा। पिंजरों में चना, मंूगफली व केले बंदरों को ललचाने के लिए रखे गए थे। इसके बावजूद एक भी बंदर पिंजरों की तरफ झांकने तक नहीं आया।

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