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जबलपुर

मातृ और शिशु मृत्यु के हर मामले में तय हो जिम्मेदारी

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को मातृ एवं शिशु मृत्यु के प्रत्येक प्रकरण को गंभीरता से लेना चाहिए। ऐसे प्रत्येक प्रकरण में जवाबदेही तय की जाए तथा दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही होनी चाहिए। सुकन्या समृद्धि योजना के तहत दस वर्ष तक आयु की सभी बालिकाओं में से कम से कम 90 प्रतिशत बालिकाओं के खाते में 31 मार्च के पहले खुलवा दिए जाने चाहिए। यह निर्देश कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने स्वास्थ्य तथा महिला बाल विकास विभाग की बैठक में दिए हैं।

जबलपुरJan 28, 2022 / 10:17 pm

gyani rajak

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जबलपुर. कलेक्टर ने मातृ एवं शिशु कल्याण के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं एवं स्वास्थ्य कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा की। कलेक्टर ने बैठक में शिशु एवं बाल कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाओं में अच्छे परफ ार्मेंस के लिए स्वास्थ्य तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के मैदानी स्तर के अमले के बीच बेहतर समन्वय की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि न केवल कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों को चिन्हित कर उनके पोषण स्तर में सुधार लाने की जिम्मेदारी दोनों विभागों के मैदानी अमले को लेनी होगी बल्कि कुपोषित बच्चों के अभिभावकों को विभिन्न शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाना के प्रयास करने होंगे, ताकि वे बच्चों की जरूरत के मुताबिक उन्हें पोषण आहार उपलब्ध कराने में सक्षम हो सकें।

मार्च तक खुल जाने चाहिए खाते
शर्मा ने बैठक में जन्मजात विकृति वाले बच्चोंए रक्त अल्पता की शिकार गर्भवती माताओं के अर्ली आइडेन्टीफिकेशन पर जोर दिया जिससे की उन्हें समय पर समुचित उपचार दिया जा सके। उन्होंने बैठक में लाड़ली लक्ष्मी योजना एवं सुकन्या समृद्धि योजना की प्रगति का ब्यौरा भी लिया। उन्होंने सुकन्या समृद्धि योजना के तहत दस वर्ष तक आयु की सभी बालिकाओं में से कम से कम 90 प्रतिशत बालिकाओं के खाते में 31 मार्च के पहले खुलवा दिये जाने चाहिए।

आंगनबाड़ी गोद लेने में आगे आएं संस्थाएं
कलेक्टर ने बैठक में आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों की रूचि के अनुसार आधारभूत संरचनाओं के विकास के लिए प्रारंभ की गई एडाप्ट एन आंगनबाड़ी योजना से स्वयंसेवी संस्थाओं, जनप्रतिनिधियों एवं समाज के प्रबुद्ध नागरिकों को जोडऩे के निर्देश दिए। शर्मा ने बैठक में मातृ एवं शिशु कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाओं तथा स्वास्थ्य कार्यक्रमों की मॉनीटरिंग के लिए क्षेत्रवार स्वास्थ्य विभाग व महिला एवं बाल विकास विभाग के मैदानी अमले की नियमित रूप से बैठकें आयोजित करने के निर्देश दिए। ताकि स्वास्थ्य संस्थाओं एवं आंगनबाड़ी केन्द्र स्तर तक इन योजनाओं की समीक्षा हो सके। दोनों विभाग का मैदानी अमला सूचनाओं आपस से साझा कर सके और योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही कठिनाईयों को समय रहते दूर किया जा सके।

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अधीक्षक और परियोजना अधिकारियों की रोगी वेतनवृद्धि

कलेक्टर ने योजनाओं के क्रियान्वयन में अपेक्षित प्रगति नहीं दिखाई देने पर महिला एवं बाल विकास विभाग के दस परियोजना अधिकारियों एकीकृत बाल विकास परियोजना जबलपुर-एक, तीन, पांच, छह, पनागर, बरगी, पाटन, मझौली, शहपुरा एवं कुंडम की एक-एक वेतनवृद्धि रोकने के निर्देश दिए हैं। इसी तरह बैठक से अनुपस्थित रहने पर एल्गिन अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आरके खरे की भी एक वेतनवृद्धि रोकने तथा बिना अनुमति के अवकाश पर जाने के लिए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। इसी तरह खंड चिकित्सा अधिकारी बरगी की एक वेतन वृद्धि रोकने तथा तीसरी एवं चौथी एएनसी जांच की एंट्री करने में ढिलाई बरतने पर जिले में पदस्थ सभी सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को काम के मुताबिक वेतन देने के लिए कहा।

 

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