कमर के नीचे रखें बौछार, ऊपर न घुमाएं डंडा-
ड्रिल के दौरान पुलिस का एक दल ही दंगाई बना। आंसू गैस, पानी की बौछार करके उन्हें तितर-बितर करने की रिहर्सल हुई। रिहर्सल में भी नियंत्रण और शांति व्यवस्था बनाने के प्रयास में कार्रवाई ढीली नजर आयी। खामियां देखने के बाद एसपी ने पानी की बौछार करने वाले वाटर कैनेन और आवाज करने वाले इस्टन ग्रेनेड के उपयोग के तरीके पर भी टिप्स दिए। पानी की बौछार और डंडे का उपयोग हमेशा कमर के नीचे पैरों पर करने के लिए कहा। ताकि किसी को सिर, छाती में कोई गंभीर चोट न आएं।
बदलना पड़ा गन-
बलवा ड्रिल के दौरान टियर गन से जब गोला फेंका गया तो वह निकला ही नहीं। बदलकर दूसरी गन देना पड़ा। ज्यादातर कर्मी निर्धारित जगह को टारगेट नहीं कर सकें। ड्रिल के दौरान कुछ कर्मी दंगाईयों से बचने बीच से लौटने लगे। इसे देखते ही तत्काल निर्देश दिए गए कि पुलिस यदि आगे बढ़ी है तो बिल्कुल न पीछे हो। यदि कोई कर्मी दंगाई से घिर गया तो बाकी उसे कवर करें।
कानून व्यवस्था स्थिति के दौरान, बाडीगार्ड हैल्मेट और जाली जरुर पहनने कहा गया। इस दौरान मदनमहल थाने में बलवा किट नहीं होने पर टीआइ को फटकार लगाई गई। सभी थानों में किट की उपलब्धता और उसे साफ-सुथरा रखने के निर्देश दिए।